आज हम एक अद्भुत सब्जी के बारे में चर्चा करेंगे, जो दिल के रोगियों के लिए एक वरदान मानी जाती है। आपने सामान्यतः 20 से 100 रुपये प्रति किलो की सब्जियाँ खाई होंगी, लेकिन क्या आपने कभी 30,000 रुपये प्रति किलो की सब्जी का स्वाद लिया है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं गुच्छी की, जो अपनी विशेषताओं के लिए जानी जाती है।
गुच्छी, जिसे छतरी, टटमोर या डुंघरू भी कहा जाता है, औषधीय गुणों से भरपूर होती है। यह शिमला के जंगलों में उगती है, और इसे खोजने के लिए स्थानीय लोग जंगलों में जाते हैं। गुच्छी की कीमत बाजार में 25,000 से 30,000 रुपये प्रति किलो है।
स्थानीय निवासियों के लिए गुच्छी एक आर्थिक संपत्ति है, क्योंकि इससे उनकी अच्छी खासी आय होती है। कहा जाता है कि गुच्छी पहाड़ों पर बिजली की गड़गड़ाहट के कारण बर्फ से निकलती है। सर्दियों में इसका उपयोग अधिक होता है। 1980 में, एक महंत ने गुच्छी का भंडारा 45 लाख रुपये में आयोजित किया था।
गुच्छी का वैज्ञानिक नाम मार्कुला एस्क्यूपलेंटा है, और यह हर साल मार्च और अप्रैल में उगती है। इसकी मांग भारत के अलावा इटली, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों में भी है। यह एक विशेष प्रकार की मशरूम है, जो हल्की और काली मिट्टी में उगती है।
गुच्छी में विटामिन-बी, सी, और के प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बनाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सब्जी दिल की बीमारियों को दूर रखने में मदद करती है। हालांकि, इसकी प्राकृतिक उत्पत्ति के कारण इसकी उपलब्धता सीमित होती है।
You may also like
पाकिस्तान या भारत? किसके साथ हैं दुनिया के ताक़तवर देश
रक्षा मंत्री कर रहे हैं तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात, सैन्य तैयारियों पर होगी बात
पहले कश्मीरी मुस्लिम पायलट हिलाल अहमद की हर ओर हो रही चर्चा, क्या ऑपरेशन सिंदूर में थे शामिल?
ऑपरेशन सिन्दूर के बीच मुख्यमंत्री की बिहू कार्यक्रम रद्द करने की अपील
मंत्री मदन दिलावर के जन्मदिन पर सेवा कार्यों की चार दिवसीय श्रंखला शुरू