Nalbari, 6 जुलाई: श्रीमंत संकर्देव के जीवन पर आधारित हिंदी पुस्तक 'लोहित के मानसपुत्र: संकर्देव' का अब उर्दू में अनुवाद किया जाएगा। यह जानकारी प्रसिद्ध विद्वान और लेखक डॉ. संवरमल सांगनेरिया ने दी। उन्होंने बताया कि डॉ. सायमा समरीन, जो दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (NCPUL) में कार्यरत हैं, इस पुस्तक का उर्दू में अनुवाद कर रही हैं। यह प्रयास न केवल संकर्देव के अनुयायियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि असम के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
हिंदी पुस्तक 'लोहित के मानसपुत्र: संकर्देव' का पहला संस्करण 2010 में प्रकाशित हुआ था। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए अब तक चार संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं, और पांचवे संस्करण की तैयारी चल रही है। इस पुस्तक का पहले ही मलयालम, मराठी और असमिया भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है, और अब उर्दू में अनुवाद एक और महत्वपूर्ण कदम है जो राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक संवाद की दिशा में बढ़ाया गया है।
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