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युवाओं के लिए खतरा: अवैध हुक्का बार्स का बढ़ता जाल

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हुक्का बार्स का बढ़ता प्रभाव Tera Pyaar-Pyaar Hookah Bar… Be careful! If you can, save your children from getting trapped in this vicious cycle of drugs.

नई दिल्ली: बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों का प्रभाव युवाओं पर गहरा होता जा रहा है। वे अक्सर यह नहीं समझ पाते कि जो कुछ भी फिल्मों में दिखाया जाता है, वह केवल अभिनय है। फिल्मी दुनिया की चमक-दमक से प्रभावित होकर, युवा इसे अपनी वास्तविकता में उतारने की कोशिश करते हैं। यह खबर उन माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण है जिनके बच्चे स्कूल या कॉलेज जाते हैं। देर रात की कक्षाओं या दोस्तों के घर जाने के बहाने, बच्चे नशे की लत में फंसते जा रहे हैं, जबकि माता-पिता इस स्थिति से अनजान हैं।


अवैध हुक्का बार्स का संचालन

देशभर में सैकड़ों अवैध हुक्का बार्स संचालित हो रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में पुलिस ने कई हुक्का बार्स पर छापे मारे हैं। हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकुला में 'प्रहार ऑपरेशन' के तहत 201 हुक्का बार्स पर कार्रवाई की गई। इस दौरान 82 हुक्के, 331 पैकेट फ्लेवर, 7 कोल कैंस, 23 चिल्म, 13 पाइप, 3 टीवजर्स, 2 हीटर, 4 ब्लैंक फ्लेवर, 3 कोल पैकेट, 10 ट्यूब और गांजा पत्ती बरामद की गई।


युवाओं की नशे की लत

मध्यप्रदेश के भोपाल में भी इसी तरह की छापेमारी की गई, जहां दस से अधिक रेस्टोरेंट में अवैध रूप से हुक्का परोसा जा रहा था। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हाल ही में हुई छापेमारी में 12 लड़के-लड़कियों को गिरफ्तार किया गया।


युवाओं में नशे की लत इस कदर बढ़ गई है कि वे होटल में नशे के लिए किसी भी कीमत का भुगतान करने को तैयार हैं। रेस्टोरेंट मालिकों को लगता है कि हुक्का बार चलाने से उनकी आय में वृद्धि होती है। स्कूल और कॉलेज के छात्र इन रेस्टोरेंट्स के नियमित ग्राहक बन जाते हैं और अपनी पढ़ाई के पैसे भी इन हुक्का बार्स में खर्च कर देते हैं।


फिल्मी अंदाज में हुक्का पार्टी

जिन रेस्टोरेंट्स पर छापे मारे गए, वे ज्यादातर परिवारिक रेस्टोरेंट के नाम से चल रहे थे, लेकिन यहां छिपकर हुक्का परोसा जा रहा था। दिन-रात किसी भी समय अवैध तरीके से हुक्का पिलाने की व्यवस्था होती है। स्कूल और कॉलेज के बच्चे इसे अपने लिए सबसे अच्छा स्थान मानते हैं और फिल्मी अंदाज में यहां आकर नशा करते हैं। शुरुआत में यह सब शौक के लिए होता है, लेकिन धीरे-धीरे वे इस नशे की लत में फंस जाते हैं। परिवार वालों को जब तक इस बारे में पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हर राज्य की पुलिस इस तरह की छापेमारी करती रहती है, लेकिन कुछ समय बाद ये रेस्टोरेंट और पार्लर्स फिर से इस धंधे को शुरू कर देते हैं।


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