मौलानाओं का मानना है कि मोदी सरकार मुस्लिम समुदाय की स्थिति को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार, समान नागरिक संहिता (UCC) को उन पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है।
इस्लाम हमारी पहचान है
हाल ही में एक महिला पत्रकार के साथ बातचीत में मौलानाओं ने कई चिंताओं को व्यक्त किया। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। मौलाना ने कहा कि UCC लागू करने से पहले उलेमा से सलाह-मशविरा किया गया था और विभिन्न स्थानों पर बैठकें आयोजित की गई थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा है और इसे वे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकते।
हम सहन नहीं करेंगे
मौलाना ने आगे कहा कि एक नया कानून बनाया गया है, जिसके अनुसार अब मामू और फूफी की बेटियों से विवाह नहीं किया जा सकता, जबकि शरीयत इस पर अनुमति देती है। तलाकशुदा महिलाओं को तीन महीने की इद्दत पूरी करनी होती है, लेकिन UCC में इसे समाप्त कर दिया गया है। वे शरीयत में हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं कर सकते।
विवाह की कठिनाइयाँ
समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने से मुस्लिम पुरुषों के लिए विवाह करना आसान नहीं होगा। UCC में 74 रिश्तों का उल्लेख किया गया है, जिनमें विवाह या लिव-इन संबंध स्थापित नहीं किए जा सकते। यदि ऐसा किया जाता है, तो मौलानाओं को सूचित करना आवश्यक होगा और रजिस्ट्रार को भी जानकारी देनी होगी। रजिस्ट्रार यह तय करेगा कि यह संबंध सार्वजनिक नैतिकता के खिलाफ है या नहीं। नियमों का उल्लंघन होने पर रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
You may also like
L2 Empuraan और Good Bad Ugly की बॉक्स ऑफिस सफलता की तुलना
नोएडा में वायरल हो रहे 'SORRY BUBU' पोस्टर की रहस्य गहराई
छत्तीसगढ़ में घरेलू विवाद के चलते पत्नी की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
Elphinstone Bridge: एलफिंस्टन ब्रिज बंद होने से पहले 'अन्य' तैयारियों में जुटी मुंबई ट्रैफिक पुलिस
क्यों रात में कुत्ते रोते हैं? जानें इसके पीछे के कारण