आज हम आपको कोलकाता के रहने वाले देबादित्य चौधरी की सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले हैं. देबादित्य चौधरी आज एक सफल व्यापारी है. आज उनकी कंपनी 150 करोड़ रुपये के कारोबार तर पहुंच गई है. उनके ब्रांड का नाम चॉवमैन (Chowman) है. यह एक बहुत बड़ा रेस्तरां साम्राज्य है. आज चॉवमैन के देशभर में कई सारे आउटलेट मौजूद हैं. देबादित्य को यह आइडिया एक चाइनीज भोजनालय की छोटी सी दुकान को देखकर आया था. आइए जानते हैं देबादित्य की सफलता की कहानी के बारे में.
ऐसा था शुरुआती जीवनदेबादित्य चौधरी का बचपन कोलकाता के बालीगंज इलाके में बीता है. वह 6 साल के थे, जब उन्होंने चाइनीज भोजन का स्वाद लिया. उन्हें यह स्वाद काफी पसंद आया और बचपन में ही देबादित्य ने खुद का चाइनीज रेस्तरां खोलने का सपना देखा. इसके साथ साथ देबादित्य की रुचि पढ़ाई और संगीत में भी थी. उन्होंने 1999 में साउथ पॉइंट हाई स्कूल से 10वीं और 2004 में सेंट जेवियर्स कॉलेज से बी.कॉम पूरा किया. साल 2006 में उन्होंने IISWBM से एमबीए की डिग्री भी हासिल की.
संगीत में रुचि होने के कारण देबादित्य ने अपने कॉलेज के दौरान अपने दोस्तों के साथ मिलकर बंगाली रॉक बैंड 'लक्खीछारा' की स्थापना भी की थी. वह कीबोर्ड प्लेयर के रूप में बैंड के साथ कई देशों में अपनी परफॉरमेंस देते थे. एमबीए के बाद देबादित्य ब्लू लोटस कम्युनिकेशंस नाम की पीआर एजेंसी में ब्रांड हेड के रूप में काम करने लगे. यहां उन्हें हर महीने 1 लाख रुपये का वेतन मिला लेकिन देबादित्य अपने चाइनीज रेस्तरां खोलने के सपने को नहीं भूले.
15 लाख के निवेश के साथ शुरू किया रेस्तरांदेबादित्य ने साल 2010 तक नौकरी की और रेस्तरां खोलने के लिए राशि जोड़ी. पर्याप्त पैसे बचाने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और कोलकाता जैसे शहर में पहले से ही कई प्रसिद्ध चाइनीज रेस्तरां होने के बावजूद भी अपना खुद का रेस्तरां शुरू किया. इसमें देबादित्य ने 15 लाख रुपये का निवेश किया. अपना आउटलेट का नाम देबादित्य ने चॉवमैन रखा.
चॉवमैन किफायती कीमत पर फाइन-डाइनिंग का अनुभव प्रदान करता है. यह रेस्तरां सड़क किनारे भोजनालयों की कीमत पर फाइव-स्टार चाइनीज डाइनिंग का अनुभव देता है. देबादित्य का पहला आउटलेट धीरे धीरे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया. इस रेस्टोरेंट में 300 रुपये में दो लोगों के लिए मेनू की पेशकश की गई. पहले ही साल में चॉवमैन ने 20 लाख रुपये का टर्नओवर हासिल किया, जिसके बाद दूसरा आउटलेट 2011 में खुला. देखते ही देखते यह आउटलेट भी साल 2013 तक 1 करोड़ रुपये का टर्नओवर तक पहुंच गया.
आज चॉवमैन एक बड़ा ब्रांड बन गया है, जिसके कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली में 29 आउटलेट हैं. चॉवमैन की सफलता के बाद देबादित्य और उनके बड़े भाई शिलादित्य चौधरी ने मिलकर दो और सफल रेस्तरां चेन की शुरुआत की. आज उनका कारोबार 150 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंच गया है.
ऐसा था शुरुआती जीवनदेबादित्य चौधरी का बचपन कोलकाता के बालीगंज इलाके में बीता है. वह 6 साल के थे, जब उन्होंने चाइनीज भोजन का स्वाद लिया. उन्हें यह स्वाद काफी पसंद आया और बचपन में ही देबादित्य ने खुद का चाइनीज रेस्तरां खोलने का सपना देखा. इसके साथ साथ देबादित्य की रुचि पढ़ाई और संगीत में भी थी. उन्होंने 1999 में साउथ पॉइंट हाई स्कूल से 10वीं और 2004 में सेंट जेवियर्स कॉलेज से बी.कॉम पूरा किया. साल 2006 में उन्होंने IISWBM से एमबीए की डिग्री भी हासिल की.
संगीत में रुचि होने के कारण देबादित्य ने अपने कॉलेज के दौरान अपने दोस्तों के साथ मिलकर बंगाली रॉक बैंड 'लक्खीछारा' की स्थापना भी की थी. वह कीबोर्ड प्लेयर के रूप में बैंड के साथ कई देशों में अपनी परफॉरमेंस देते थे. एमबीए के बाद देबादित्य ब्लू लोटस कम्युनिकेशंस नाम की पीआर एजेंसी में ब्रांड हेड के रूप में काम करने लगे. यहां उन्हें हर महीने 1 लाख रुपये का वेतन मिला लेकिन देबादित्य अपने चाइनीज रेस्तरां खोलने के सपने को नहीं भूले.
15 लाख के निवेश के साथ शुरू किया रेस्तरांदेबादित्य ने साल 2010 तक नौकरी की और रेस्तरां खोलने के लिए राशि जोड़ी. पर्याप्त पैसे बचाने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और कोलकाता जैसे शहर में पहले से ही कई प्रसिद्ध चाइनीज रेस्तरां होने के बावजूद भी अपना खुद का रेस्तरां शुरू किया. इसमें देबादित्य ने 15 लाख रुपये का निवेश किया. अपना आउटलेट का नाम देबादित्य ने चॉवमैन रखा.
चॉवमैन किफायती कीमत पर फाइन-डाइनिंग का अनुभव प्रदान करता है. यह रेस्तरां सड़क किनारे भोजनालयों की कीमत पर फाइव-स्टार चाइनीज डाइनिंग का अनुभव देता है. देबादित्य का पहला आउटलेट धीरे धीरे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया. इस रेस्टोरेंट में 300 रुपये में दो लोगों के लिए मेनू की पेशकश की गई. पहले ही साल में चॉवमैन ने 20 लाख रुपये का टर्नओवर हासिल किया, जिसके बाद दूसरा आउटलेट 2011 में खुला. देखते ही देखते यह आउटलेट भी साल 2013 तक 1 करोड़ रुपये का टर्नओवर तक पहुंच गया.
आज चॉवमैन एक बड़ा ब्रांड बन गया है, जिसके कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली में 29 आउटलेट हैं. चॉवमैन की सफलता के बाद देबादित्य और उनके बड़े भाई शिलादित्य चौधरी ने मिलकर दो और सफल रेस्तरां चेन की शुरुआत की. आज उनका कारोबार 150 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंच गया है.
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