शेयर मार्केट में गुरुवार को कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई. इंडेक्स को आईटी स्टॉक ने नुकसान पहुंचाया क्योंकि आईटी स्टॉक में ग्लोबल मार्केट के प्रभाव में गिरावट में आ गए.विप्रो लिमिटेड के शेयर तिमाही नतीजों के तुरंत बाद गुरुवार को बाज़ार खुलतेही 6% के नुकसान में आ गए.Wipro Ltd के शेयर गुरुवार को 6% की गिरावट में ट्रेड कर रहे हैं और अब तक उनका डे लो प्राइस 232.15 रुपए है. कंपनी का मार्केट कैप 2.45 लाख करोड़ रुपए है.डेली चार्ट पर देखें तो विप्रो के लिए इस बड़ी गिरावट के बाद अब 228 रुपए के का अंतिम सपोर्ट लेवल ही बचा है. अगर आने वाले दिनों में स्टॉक 228 रुपए से नीचे गया तो इसमें और कमज़ोरी आ सकती है और यह 215 रुपए के लेवल तक आ सकता है.विप्रो के शेयर गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 6.2% गिरकर NSE पर 232.15 रुपये पर आ गए. आईटी सर्विस सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के लिए 3,570 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो एक साल पहले की समान तिमाही के 2,835 करोड़ रुपये से 26% अधिक है. यह आंकड़ा स्ट्रीट अनुमानों के 3,290 करोड़ रुपये से अधिक है. विप्रो Q4 परिणामपरिचालन से राजस्व पिछले वर्ष की समान तिमाही के 22,208 करोड़ रुपये की तुलना में 1% बढ़कर 22,504 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि आईटी सर्विस सेगमेंट का राजस्व 2,596.5 मिलियन डॉलर रहा, जो तिमाही-दर-तिमाही 1.2% और साल-दर-साल 2.3% कम है. स्थिर मुद्रा के संदर्भ में राजस्व में 0.8% तिमाही-दर-तिमाही और 1.2% साल-दर-साल गिरावट आई. क्रमिक रूप से टैक्स के बाद लाभ दिसंबर तिमाही में पोस्ट किए गए 3,354 करोड़ रुपये से 6% बढ़ा.विप्रो के सीईओ और एमडी श्रीनि पल्लिया ने कहा, "हमने वित्त वर्ष 25 को दो मेगा डील लेने के बाद,बड़ी डील बुकिंग में बढ़ोतरी और हमारे बड़े अकाउंट में ग्रोथ के साथ बंद किया. क्लाइंट संतुष्टि स्कोर में सुधार हुआ, जो मजबूत निष्पादन और जुड़ाव को दर्शाता है." विप्रो पर ब्रोकरेज के सुर बिगड़ेनुवामा ने विप्रो की रेटिंग घटाकर 'होल्ड' कर दी और इसके टारगेट प्राइस को 300 रुपये से घटाकर 260 रुपये कर दिया. ब्रोकरेज ने कमजोर तिमाही का संकेत दिया, जिसमें आईटी सर्विस का राजस्व उम्मीदों से कम रहा. EBIT मार्जिन 17.5% तिमाही दर तिमाही पर स्थिर रहा, हालांकि साल दर साल 110 बीपीएस में सुधार हुआ.नुवामा ने Q1FY26 के लिए रेवेन्यू गाइडेंस में -1.5% से -3.5% की कमी की ओर भी इशारा किया, जो ग्लोबल टैरिफ से मैक्रो अनिश्चितताओं को दर्शाता है. FY26 की ग्रोथ पर सीमित दृश्यता के साथ ब्रोकरेज ने कहा कि विप्रो की टर्नअराउंड थीसिस को चुनौती दी गई है. FY26E और FY27E के लिए EPS अनुमानों में क्रमशः 3% और 3.7% की कटौती की गई है, जबकि मूल्यांकन को 22x से संशोधित कर 20x FY27 PE कर दिया गया है.च्वाइस ब्रोकिंग ने भी विप्रो को 'रिड्यूस' कर दिया है, जिसका लक्ष्य मूल्य 252 रुपये है. ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में मांग में सुधार देखने को मिल सकता है. खासकर अगर वैश्विक टैरिफ संबंधी विवाद सुलझ जाते हैं, जिससे क्लाइंट स्पष्ट निवेश निर्णय ले सकेंगे. फीनिक्स कॉन्ट्रैक्ट जैसे डील में तेजी से वित्त वर्ष 26 के बाद वाले हिस्से में राजस्व में भी मदद मिल सकती है. हालांकि कमजोर शुरुआत पूरे साल की पॉज़िटिव ग्रोथ को चुनौती देती है.
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