2025 की पहली तिमाही में सोने और चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया- शानदार रिटर्न और रिकॉर्ड हाई. सोने ने न केवल करीब 18% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की, बल्कि ₹100,000 के ऐतिहासिक स्तर को भी छू लिया. हालांकि, जितनी तेजी से सोना चढ़ा, उतनी ही तेजी से उसमें गिरावट भी देखने को मिली.इसी उतार-चढ़ाव के बीच मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) निवेशकों को लंबी अवधि के लिए 'बाय ऑन डिप' की स्टेट्रजी अपनाने की सलाह दी है. फर्म का मानना है कि ₹90,000-91,000 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट है और लंबे समय में इसकी कीमत ₹1,06,000 तक पहुंच सकती है. सोने की कीमतों पर मांग और आपूर्ति का नहीं पड़ता सीधा असरमोटिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के सीनियर एनालिस्ट, कमोडिटी रिसर्च मणव मोदी ने कहा - इतिहास में सोने की कीमतों पर मांग और आपूर्ति का सीधा असर देखने को नहीं मिला है, खासकर जब बाजार में अनिश्चितताएं ज्यादा प्रभावी होती हैं. पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में काफी तेजी आई है, इसलिए कुछ समय के लिए कीमतों में ठंडक आना समझ में आता है. इस समय सोने की कीमतों पर कई तरह के असर डालने वाली कई तरह की बाते हैं. मिक्स्ड इकोनॉमी डेटा, ट्रेड वॉर, मुद्रास्फीति की बढ़ती आशंका, जियोपॉलिटिकल टेंशन, रेट कट और अमेरिकी यील्ड्स में गिरावट – ये सभी कारण सोने की कीमतों को बढ़ावा दे सकते हैं. लेकिन अगर इनमें से किसी भी अनिश्चितता में सुधार होता है, तो यह सोने की कीमतें नीचे आ सकती है. पिछले 15 सालों में सोने ने करीब 10% का सालाना रिटर्न दियापिछले 15 सालों में अक्षय तृतीया पर सोने ने लगभग 10% की सालाना बढ़त (CAGR) दी है. हालांकि, बीच-बीच में कीमतों में हल्का सा सुधार भी आया, लेकिन कुल मिलाकर सोने की कीमतों में एक स्थिर और निरंतर बढ़ोतरी रही है. अगर आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो आपके पास कई ऑप्शन हैं. निवेश के तौर पर आप गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) का ऑप्शन चुन सकते हैं, जो आजकल बहुत ही पॉपुलर हो गया है. एक्सचेंज ट्रेडेड डेरिवेटिव्स, डिजिटल गोल्ड, और फिजिकल सोने की बार्स और सिक्कों को भी खरीद सकते हैं. सोने का मार्केट अब तक के सबसे दिलचस्प दौर से गुजर रहा है. यदि आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह एक अच्छा समय हो सकता है, खासकर अगर आप लंबी अवधि के नजरिए से निवेश कर रहे हैं. MOFSL का दृष्टिकोण मजबूत सपोर्ट और लंबी अवधि के लक्ष्य पर बेस्ड है.(डिस्क्लेमर– ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
You may also like
उत्तराखंड में 6000 पुलिस, 17 पीएसी और 10 अर्धसैनिक बल की कंपनियां तैनात; वास्तव में इसका कारण क्या है?
BMW R 1300 GS Launched in India: Full Specs, Features, and Price Revealed
Udaipur City–Forbesganj Weekly Special Train to Start from May 6
पीएम मोदी लोगों से जितना जीवंत संपर्क में रहे हैं, शायद ही कोई और पीएम रहा हो : गिरिराज सिंह
सुदीरमन कप: ध्रुव-तनिषा ने प्रभावित किया, सिंधु पराजित, भारत इंडोनेशिया से हारा