आज हम आपको बसवराज एस की कहानी के बारे में बताने वाले हैं. बसवराज एस ने अपने दम पर कारोबार खड़ा किया है. उनकी कंपनी का नाम राफ्टर है. यह कंपनी एक सस्टेनेबल गिफ्टिंग स्टार्टअप है. यह स्टार्टअप बांस की बोतलों से लेकर चावल की भूसी के मग बनाता है, जिनकी काफी मांग हैं. बसवराज केवल 1000 रुपये के साथ अपने गांव को छोड़कर शहर आ गए थे, जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की. आइए जानते हैं बसवराज एस की सफलता की कहानी के बारे में.
1000 रुपये का साथ छोड़ दिया गांवबसवराज एस बताते हैं कि एक और बार नौकरी से निकाल दिया गया था. जब वह अपने घर आएं और पिता को सारी बात बताई, तो उनके पिता ने उन्हें 1000 रुपये देकर घर से निकाल दिया. ऐसे में बसवराज केवल 1000 रुपये के साथ नई शुरुआत करने के लिए बेंगलुरु आ गए. उस समय बसवराज ने खुद से वादा किया कि वह अपने घर तब तक वापस नहीं आएंगे, जब तक वह कुछ बड़ा न कर दें.
शहर में बसवराज को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्हें कई कंपनियों से रिजेक्शन भी मिला. बसवराज के पास 55,000 रुपये की सेविंग्स भी थी. ऐसे में बसवराज ने कंबर प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज लॉन्च की. यह कंपनी यूनिफॉर्म, सुरक्षा गियर और ऑफिस का सामान सप्लाई करती थी. अगले 18 सालों में उन्होंने कंबर को एक मल्टी-करोड़ उद्यम में बदल दिया लेकिन उनके मन में अभी भी कुछ नया करने का चाह थी.
साल 2020 में कोरोना के कारण बसवराज को उनके कारोबार में काफी नुकसान हुआ. ऐसे में उन्होंने कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के कारोबार के बारे में सोचा और एक ऐसा गिफ्ट प्रोडक्ट बनाया, जो खराब न हो. साथ में पर्यावरण को भी उससे नुकसान न हो.
साल 2022 में कारोबार की शुरुआतसाल 2022 में बसवराज ने राफ्टर नाम से नया स्टार्टअप शुरू किया. यह स्टार्टअप प्लास्टिक के बजाय बांस की बोतलें, रीसाइकिल या प्लांटेबल पेपर से बनी नोटबुक और चावल की भूसी से बने मग बनाता है. राफ्टर कंपनी इको-फ्रेंडली गिफ्टिंग प्रोडक्ट बनाती है. आज राफ्टर का रेवेन्यू 1 करोड़ का है. यह कंपनी बडी बड़ी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स सप्लाई करती है. इसमें 5000 से अधिक प्रोडक्ट्स शामिल हैं.
1000 रुपये का साथ छोड़ दिया गांवबसवराज एस बताते हैं कि एक और बार नौकरी से निकाल दिया गया था. जब वह अपने घर आएं और पिता को सारी बात बताई, तो उनके पिता ने उन्हें 1000 रुपये देकर घर से निकाल दिया. ऐसे में बसवराज केवल 1000 रुपये के साथ नई शुरुआत करने के लिए बेंगलुरु आ गए. उस समय बसवराज ने खुद से वादा किया कि वह अपने घर तब तक वापस नहीं आएंगे, जब तक वह कुछ बड़ा न कर दें.
शहर में बसवराज को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्हें कई कंपनियों से रिजेक्शन भी मिला. बसवराज के पास 55,000 रुपये की सेविंग्स भी थी. ऐसे में बसवराज ने कंबर प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज लॉन्च की. यह कंपनी यूनिफॉर्म, सुरक्षा गियर और ऑफिस का सामान सप्लाई करती थी. अगले 18 सालों में उन्होंने कंबर को एक मल्टी-करोड़ उद्यम में बदल दिया लेकिन उनके मन में अभी भी कुछ नया करने का चाह थी.
साल 2020 में कोरोना के कारण बसवराज को उनके कारोबार में काफी नुकसान हुआ. ऐसे में उन्होंने कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के कारोबार के बारे में सोचा और एक ऐसा गिफ्ट प्रोडक्ट बनाया, जो खराब न हो. साथ में पर्यावरण को भी उससे नुकसान न हो.
साल 2022 में कारोबार की शुरुआतसाल 2022 में बसवराज ने राफ्टर नाम से नया स्टार्टअप शुरू किया. यह स्टार्टअप प्लास्टिक के बजाय बांस की बोतलें, रीसाइकिल या प्लांटेबल पेपर से बनी नोटबुक और चावल की भूसी से बने मग बनाता है. राफ्टर कंपनी इको-फ्रेंडली गिफ्टिंग प्रोडक्ट बनाती है. आज राफ्टर का रेवेन्यू 1 करोड़ का है. यह कंपनी बडी बड़ी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स सप्लाई करती है. इसमें 5000 से अधिक प्रोडक्ट्स शामिल हैं.
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