कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को एक हिन्दू मंदिर में लोगों पर हमला हुआ.
यह हमला तब हुआ, जब कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी मंदिर में गए थे.
इस घटना के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. उधर, भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घटना की कड़ी निंदा की और कनाडा सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की निंदा की है.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करेंइस बीच, हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कनाडा की पील रीजनल पुलिस ने एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया है.
पंजाबी मूल के कनाडाई पुलिस अधिकारी की पहचान हरिंदर सोही के रूप में हुई है.
इस वीडियो में सोही को खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते दिखाया गया है.
कनाडा के सरकारी चैनल सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, "वायरल वीडियो में सोही खालिस्तान का झंडा पकड़े हुए देखे गए, जबकि अन्य लोग विरोध प्रदर्शन में भारत विरोधी नारे लगा रहे थे."
हरिंदर सोही एक क्षेत्रीय पुलिस सार्जेंट हैं.
पुलिस पीआर अधिकारी रिचर्ड चिन ने सीबीसी न्यूज़ को बताया, "सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो स्थानीय पुलिस बल के ध्यान में आया. वीडियो में देखा गया कि एक ऑफ-ड्यूटी पील पुलिस अधिकारी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा है."
उन्होंने कहा, "इस अधिकारी को सामुदायिक सुरक्षा और पुलिसिंग अधिनियम के तहत निलंबित कर दिया गया है."
रिचर्ड चिन ने कहा, "हम वीडियो में दिखाई गई पूरी स्थिति की जांच कर रहे हैं."
रविवार को, कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया, जबकि भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी हिंदू सभा मंदिर में लगाए गए वाणिज्य दूतावास कैंप में शामिल हुए.
पील क्षेत्रीय पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया.
जांचकर्ताओं ने ब्रैम्पटन और मिसिसॉगा में विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है.
पुलिस ने कहा, "रविवार, 3 नवंबर, 2024 को लगभग 12 बजे, प्रदर्शनकारियों का एक समूह ब्रैम्पटन के गोर रोड स्थित एक पूजा स्थल पर पहुंचा था."
"बाद में मिसिसॉगा में गोरवे ड्राइव और एट्यूड ड्राइव इलाक़े में भी विरोध प्रदर्शन हुआ. तीसरा विरोध कुछ समय बाद मिसिसॉगा में एयरपोर्ट रोड और ड्रू रोड के पास एक पूजा स्थल पर हुआ. ये तीनों प्रदर्शन एक-दूसरे से संबंधित दिखाई देते हैं."
"प्रदर्शनकारियों और मंदिर में मौजूद लोगों के बीच झड़प की कई घटनाएं हुईं, जिसके बाद तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है."
BBCगिरफ़्तार किए गए मिसिसॉगा के 43 वर्षीय व्यक्ति दिलप्रीत सिंह बाउंस पर शांति भंग करने और एक अधिकारी पर हमला करने का आरोप लगाया गया है.
गिरफ़्तार किए गए दूसरे व्यक्ति की पहचान ब्रैम्पटन के 23 वर्षीय विकास के रूप में की गई है. उन पर हथियार से हमला करने का आरोप लगाया गया है.
तीसरे व्यक्ति की पहचान मिसिसॉगा के 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह के रूप में की गई है. उन पर 5,000 डॉलर से अधिक का गबन करने का आरोप है.
कनाडा पुलिस के मुताबिक़, इस हिंसक प्रदर्शन के विरोध में तीन जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए.
मंदिर के सामने हिंसा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शामिल एक शख़्स ने कहा, "कनाडा हमारी ज़िंदगी है और हमारी जान भारत में बसती है. हिंदू कनाडाई, कनाडा के प्रति बहुत वफ़ादार हैं. हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह अच्छा नहीं है."
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि कनाडा हमारे साथ अच्छा व्यवहार करे. हम भारत और कनाडा के बीच मजबूत संबंध चाहते हैं और हम उन लोगों के ख़िलाफ़ हैं जो इसके ख़िलाफ़ हैं."
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को लेकर 'गहरी चिंता' ज़ाहिर की है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस हिंसा की निंदा की है.
मुख्यमंत्री मान ने कहा, "कनाडा पंजाबियों के लिए दूसरा घर है. भारत सरकार को कनाडा सरकार से बात करनी चाहिए और समस्या का समाधान निकालना चाहिए."
"हमारे पंजाब में प्रवासी पंजाबियों के कारण चूल्हे चल रहे हैं, कनाडा में हर घर में हमारे पंजाबी हैं."
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "कनाडा में जो कुछ हुआ, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं. भारत सरकार को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए."
सिख फ़ॉर जस्टिस का आरोप है कि प्रदर्शन के बाद 'हिंदू राष्ट्रवादियों' ने लड़ाई के लिए उकसाया.
सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, "सिख फ़ॉर जस्टिस समूह ने कहा कि खालिस्तान समर्थक, भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की घोषित यात्रा का विरोध कर रहे थे."
सिख फ़ॉर जस्टिस को भारत सरकार ने 'आतंकवादी' संगठन घोषित किया हुआ है और यह भारत में प्रतिबंधित है.
यह समूह मांग कर रहा है कि भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को उनके कार्यालयों के बाहर काम करने से प्रतिबंधित किया जाए.
सिख फ़ॉर जस्टिस का आरोप है कि कांसुलर अधिकारियों के बाहरी दौरे "सीधे तौर पर कनाडा में खालिस्तान समर्थक नागरिकों की सुरक्षा को ख़तरा हैं."
कनाडा के वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन ने भी यही मांग दोहराई है.
कनाडा के विश्व सिख संगठन ने ईमेल पर दिए बयान में कहा है, "कनाडाई समुदायों में भारतीय राजनयिकों द्वारा किए गए हमले संघर्ष भड़काने को किए गए प्रतीत होते हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए."
संगठन ने कनाडाई अधिकारियों से अपील की है, "रविवार को हिंसा भड़काने और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में बाधा पैदा करने वालों के ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई की जाए."
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