भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ़्तार कर लिया गया है. के मुताबिक़, केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के आग्रह पर यह गिरफ़्तारी की गई है.
समाचार एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से सोमवार को बताया कि कारोबारी मेहुल चोकसी के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई शनिवार को की गई.
हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी और उनके भांजे नीरव मोदी पर सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है.
सूत्रों ने बताया कि भारतीय एजेंसियों, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने बेल्जियम से कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए यह कदम उठाया है.
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2018 की शुरुआत में में हज़ारों करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था.
इस घोटाले में हीरा व्यापारी नीरव मोदी के अलावा उनकी पत्नी ऐमी, उनके भाई निशाल, और चाचा मेहुल चोकसी मुख्य अभियुक्त हैं.
नीरव मोदी इस समय लंदन की जेल में हैं और कई बार उनकी ज़मानत अर्ज़ी रद्द हो चुकी है. वह ख़ुद को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
बैंक का दावा था कि इन सभी अभियुक्तों ने बैंक के अधिकारियों के साथ साज़िश रची और बैंक को नुक़सान पहुंचाया.
पंजाब नेशनल बैंक ने जनवरी 2018 में पहली बार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनके साथियों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई.
इस शिकायत में उन पर 280 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया था.
14 फ़रवरी को आंतरिक जांच पूरी होने के बाद पंजाब नेशनल बैंक ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इस फ़र्ज़ीवाड़े की जानकारी दी.
ख़बरों के मुताबिक, ये भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला था. इस मामले में चोकसी और उनके भांजे नीरव मोदी अभियुक्त हैं. सीबीआई और प्रत्यर्पण निदेशालय (ईडी) को चोकसी की तलाश है.
प्रत्यर्पण क्यों हो सकता है जटिलभारत का बेल्जियम के साथ समझौता है.
कैरिबियन क्षेत्र की रिपोर्टिंग करने वाली वेबसाइट एसोसिएट्स टाइम्स ने अपनी एकमें दावा किया था कि मेहुल चोकसी बेल्जियम में हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि, "मेहुल चोकसी अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ इस समय बेल्जियम के एंटवर्प में रह रहे हैं. उन्होंने देश का एफ़ रेज़िडेंसी कार्ड हासिल कर लिया है."
एसोसिएट्स टाइम्स की यह रिपोर्ट मार्च 2025 में प्रकाशित हुई थी.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत सरकार ने बेल्जियम से कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की अपील की है. हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी.
हालांकि, के जानकारों के मुताबिक मेहुल चोकसी बेल्जियम में जमानत के लिए अर्जी दे सकते हैं और प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह का विरोध कर सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, चोकसी की लीगल टीम उनके ख़राब स्वास्थ्य को अपनी मज़बूत दलील बना सकती है.
इससे पहले, मेहुल चोकसी ने मुंबई की अदालत में हलफनामा देते हुए भारत आने में अक्षमता ज़ाहिर की थी.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक ख़बर के अनुसार, मेहुल चोकसी ने भारत में मुक़दमे का सामना करने में स्वास्थ्य के लिहाज़ से खुद को अनफ़िट बताया था.
उन्होंने दावा किया कि वह ल्यूकीमिया, जिसे ब्लड कैंसर भी कहते हैं, से पीड़ित हैं और बेल्जियम के एक डॉक्टर की सिफ़ारिश भी पेश की जिसमें कहा गया है कि वह यात्रा करने में "100 प्रतिशत" अक्षम हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा कि मेहुल चोकसी को भारत में उचित इलाज मिल सकता है, जहां वर्ल्ड क्लास मेडिकल सुविधा है.
ये भी पढ़ेंपंजाब नेशनल बैंक घोटाले में अभियुक्त और हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के बेल्जियम में रहने की बात सामने आने के मुद्दे पर बेल्जियम का बयान भी आया था.
समाचार एजेंसी के अनुसार, बेल्जियम की फ़ेडरल पब्लिक सर्विस फ़ॉरेन अफ़ेयर्स में सोशल मीडिया और प्रेस के प्रवक्ता डेविड जॉर्डन्स ने कहा था कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.
बेल्जियम में मेहुल चोकसी की मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर डेविड जॉर्डन्स ने कहा था, "मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि एफ़पीएस फॉरेन अफ़ेयर्स को इस बारे में पता है. वो इसे बहुत अहमियत देता है."
"हालांकि, हम किसी एक मामले पर टिप्पणी नहीं करते. यह मामला फ़ेडरल पब्लिक सर्विस जस्टिस के तहत आता है. एफ़पीएस फ़ॉरेन अफ़ेयर्स इससे जुड़े घटनाक्रम पर सक्रिय रूप से निगरानी जारी रखेगा."
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29 नवंबर, 2011 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक ख़बर आई कि यहां भारत का पहला गोल्ड एटीएम लगाया गया.
लोग इस एटीएम से सोने-चांदी के सिक्के और तमाम क़िस्म के जवाहरात ख़रीद सकते थे. लेकिन ये मशीन लोगों को लुभा नहीं पाई.
आसपास के दुकानदारों ने बताया कि बमुश्किल ही कोई ग्राहक इसका इस्तेमाल करता है.
एक वक़्त भारत के हीरा कारोबार के पोस्टर बॉय रहे मेहुल चोकसी पर निगाह डालें, तो उनकी कहानी भी इस एटीएम जैसी ही नज़र आती है.
उनकी हर शुरुआत हीरे जैसी चमकदार थी. उनके तौर-तरीक़े हमेशा सोने जैसे लचीले रहे. लेकिन, नतीजा हर बार ऐसा, जैसे कोई गहनों की दुकान पर ठग लिया गया हो.
आप पूछ सकते हैं कि उस एटीएम से क्यों याद आते हैं. जवाब ये है कि वो एटीएम मेहुल की कंपनी गीतांजलि ने लगाया था.
अगला सवाल होगा कि मेहुल चोकसी ही क्यों याद आते हैं. इसके कई जवाब हैं.
मेहुल ने पिता चीनूभाई चोकसी के हीरों के सिर्फ़ कटिंग-पॉलिशिंग के कारोबार को विदेशी कंपनियां ख़रीदने तक का रास्ता दिखाया.
पर एक वक़्त आया, जब कंपनी की बदनामी से कर्मचारियों को ही नौकरी के लाले पड़ गए.
बहन के नाम पर बनी उनकी कंपनी गीतांजलि ने 2006 में आईपीओ में क़दम रखा, तो 330 करोड़ रुपए इकट्ठा किए. फिर 2013 में वो वक़्त आया, जब सेबी ने मेहुल की फ़र्म को हेर-फ़ेर के शक में 6 महीने के लिए स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग से रोक दिया.
2008 में कटरीना कैफ़ ने उनके हीरों का प्रचार किया, तो एक साल में कंपनी की बिक्री 60 फ़ीसदी बढ़ गई. फिर 2018 में कंपनी के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष श्रीवास्तव ने आरोप लगाए कि गीतांजलि अपने ग्राहकों को नकली हीरे बेचती रही.
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