Top News
Next Story
Newszop

बॉबी से नौ साल का रिश्ता जो था ही नहीं... कैटफ़िशिंग में उलझीं किरत अस्सी की अजब कहानी

Send Push
Netflix किरत अस्सी को नौ सालों तक कैटफ़िशिंग का शिकार बनाया गया. उन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है.

सारी कहानी एक फ़्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुई थी. बात 2009 की है, जब किरत की मुलाक़ात एक हैंडसम कॉर्डियोलॉजिस्ट बॉबी से हुई थी.

उस वक्त तो किरत अस्सी को लगा था कि उनके हाथ कोई जैकपॉट लग गया है. वैसे किरत के लिए बॉबी पूरी तरह से अजनबी नहीं थे. दोनों सिख थे और उनके दोस्त भी कॉमन थे.

इसलिए, किरत ने बॉबी की फ़्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली थी. जल्द ही दोनों के बीच ऑनलाइन बातचीत शुरू हो गई थी. दोनों एक-दूसरे की ज़िंदगी में घुल-मिल से गए थे.

धीरे-धीरे दोनों के बीच होने वाली बातचीत एक प्रेम कहानी में बदल गई थी. लेकिन, सच्चाई इससे बिल्कुल अलग थी.

लेकिन हक़ीक़त तो ये है कि किरत एक बहुत ही दर्दनाक कैटफ़िशिंग का शिकार हो चुकी थीं.

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए

दरअसल, किरत और बॉबी कभी एक-दूसरे से मिले ही नहीं थे. दोनों के बीच कई सालों से केवल ईमेल के ज़रिए बातचीत हो रही थी.

बॉबी मिलने की बात पर अक्सर विचित्र बहाने बना देता था. जैसे- उसको दौरा पड़ गया है, गोली मारी गई है या वे किसी कोर्ट में गवाही देने जा रहे हैं.

इन सब बहानों का समर्थन बॉबी का ही कोई क़रीबी भी कर देता था.

ये भी पढ़ें
सच्चाई बिल्कुल अलग थी

कैटफ़िशिंग में कोई व्यक्ति किसी और की तस्वीर, पहचान, दस्तावेज़ आदि का इस्तेमाल करता है. और इसके बाद किसी दूसरे व्यक्ति को मानसिक या आर्थिक तौर पर नुक़सान पहुंचाता है.

ऐसे में जब नौ सालों के बाद, बॉबी के बहाने बहुत हल्के पड़ने लगे, तो किरत का आमना-सामना बॉबी से हुआ. और उनके सामने जो व्यक्ति था, उसको किरत पहचान नहीं पाई थीं.

नौ साल से किरत जिस शख़्स सें संपर्क में थी वो बॉबी नहीं बल्कि उसकी चचेरी बहन सिमरन थी. इस कैटफ़िशिंग के पीछे सिमरन का दिमाग था.

अब किरत सोचती हैं कि वो 'ऐसी मूर्खता कैसे कर गईं.'

किरत की चौंकाने वाली कहानी साल 2021 में पॉडकास्ट बनाने वाले टॉरटाइज़ के लिए हिट साबित हुई. आप किरत की कहानी को पर भी सुन सकते हैं.

अब इस बात को तीन साल बीत चुके हैं. हाल ही में नेटफ्लिक्स ने एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की है, जिसमें किरत दोबारा अपने अनुभव साझा किए हैं.

'लोगों को धारणा नहीं बनाना चाहिए' image Netflix डॉक्यूमेंट्री में किरत अस्सी ने अपनी कहानी एक बार फिर साझा की है.

किरत कहती हैं कि उनकी कहानी दूसरों को भी यह सवाल पूछने के लिए प्रेरित करेगी कि कोई व्यक्ति ऐसे झाँसे में कैसे आ सकता है?

किरत ने बीबीसी एशियन नेटवर्क से कहा, “वो लोग, जो अभी भी सोचते हैं कि मैं बेवकूफ़ हूं, उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार है.”

मगर, किरत का मानना है कि लोगों को ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए और यही एक वजह है कि उन्होंने अपनी कहानी लोगों को सुनाने का फ़ैसला किया है.

किरत ने कहती हैं, “मैं बेवकूफ़ नहीं हूं. मैं गूंगी भी नहीं हूं. मैं वह हूं, जिसने बोलने का विकल्प चुना है.”

वह कहती हैं, “मैं वह हूं, जिसने संघर्ष के लिए आगे आने का चुनाव किया है, और मुझे उम्मीद है कि और भी लोग आगे आएंगे.”

ये भी पढ़ें
'हमारे समुदाय के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियाँ हैं'

किरत पंजाबी हैं. वह कहती हैं कि अपने अनुभवों के बारे में बोलना ज़रूरी था क्योंकि दक्षिण एशियाई समुदाय में तो ऐसी घटनाओं पर कोई बात ही नहीं करता.

उन्होंने बताया, "हम इस तरह के मामलों को लेकर बहुत ज़्यादा डरे रहते हैं. क्योंकि, हम सोचते हैं कि हमारे समुदाय को व्यापक स्तर पर समाज किस तरह से देखेगा. ऐसे में हमारे समुदाय में जितने भी पीड़ित हैं, वो ख़ामोश ही रहते हैं.”

किरत ने बताया कि वह जो कहना चाहती हैं, इसमें उनके पिता की प्रतिक्रिया इसका अच्छा उदाहरण है.

किरत कहती हैं, “मेरे पिता यह नहीं जानना चाहते हैं कि हुआ क्या है? क्योंकि, जो कुछ भी हुआ, और जिस भयानक ढंग से हुआ, यह बहुत दर्दनाक है. मैं अपने पिता से प्यार करती हूं और मैं जानती हूं कि मेरे पिता मुझसे प्यार करते हैं.”

किरत ने कहा, “मेरे पिता की परवरिश जिन मूल्यों के साथ हुई, वह बिल्कुल अलग हैं.”

किरत ने बताया कि जो कुछ भी हुआ, उन्होंने इस बारे में "असली बॉबी" से सीधे बात नहीं की.

किरत कभी कभी सोचती हैं कि अगर वो पंजाबी नहीं होतीं तो क्या उनका अनुभव कुछ अलग होता?

किरत कहती हैं, “मैं अलग तरह के फ़ैसले किए. क्योंकि समुदाय के प्रति हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारियाँ हैं. इसके अलावा हम पर परिवार का भी दबाव है.”

ये भी पढ़ें
'मैं पीड़ित वाली मानसिकता नहीं रखती' image Netflix किरत का कहना है कि दक्षिण एशियाई समुदायों को इन मामलों पर बात करने में डर लगता है.

‘स्वीट बॉबी’ से जुड़ी कहानी को दोबारा कहने पर मिली नकारात्मक प्रतिक्रिया के बावजूद किरत कहती हैं कि वह सामने आकर सवालों का सामना करना चाहेंगी.

वह कहती हैं, “यदि आप मुझे देखें तो आपको मेरे पास आने से डर नहीं लगेगा. और यदि आप कुछ ऐसी बात भी कहना चाहते हैं, जो मेरे लिए विवादित हो सकती है, तो ठीक है. आइए, इस पर चर्चा करते हैं.”

जब किरत से पूछा गया कि पॉडकास्ट या डॉक्यूमेंट्री निर्माताओं से बात करने के बाद क्या उनको इस घटना को भूलकर आगे बढ़ने में कोई मदद मिली, तो उन्होंने कहा कि वह निश्चित तौर पर ऐसा नहीं कह सकती.

दरअसल, सिमरन ने डॉक्यूमेंट्री में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जिसमें उनकी भूमिका एक एक्ट्रेस ने निभाई है.

वहीं, किरन ने उनकी चचेरी बहन के ख़िलाफ़ नागरिक कार्रवाई की. इसके लिए उनको केस ख़त्म होने के बाद मुआवज़ा और माफ़ी मिली.

शो में सिमरन का बयान भी शामिल किया गया है.

इसमें उन्होंने कहा है कि, “इस मामले में वो घटनाएं भी शामिल हैं, जो तब शुरू होती हैं, जब वो स्कूल में थीं. वह इसे एक निजी मामला बताती हैं. और उन पर लगाए गए कुछ आरोपों को लेकर मज़बूत आपत्ति जताती हैं. क्योंकि, उनके मुताबिक़ ये आरोप निराधार और हानिकारक हैं.”

किरत कहती हैं कि सिमरन पर कोई आपराधिक धारा नहीं लगाई गई है, मगर, मैं सिमरन को ज़िम्मेदार ठहराना चाहती हूं.

किरत कहती हैं, "मैं इस बात से ख़ुश नहीं हूं कि वह (सिमरन) बाहर है."

एक और सवाल है कि वह जवाब देने के लिए पास नहीं है, क्यों?

किरत को नहीं लगता है कि उनको कभी भी इस बात की सच्चाई पता चल पाएगी कि आख़िर उनके ख़िलाफ़ ऐसा अभियान क्यों चलाया गया?

किरत ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं बहुत पहले ही हार मान चुकी हूं. वह व्यक्ति जिस हद तक गया, उसे कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता है.”

वह कहती हैं, “मैं यह बात नहीं समझ सकती हूं कि वह रूकी क्यों नहीं. किसी व्यक्ति को दुख में देखकर उनको क्या ख़ुशी मिल रही थी.”

लेकिन, इन बातों के जवाब न मिलने की वजह ने किरत को आगे बढ़ने से नहीं रोका. किरत ज़िंदगी में आगे बढ़ चुकी हैं. फ़िर से डेट कर रही हैं.

किरत कहती हैं, “मैं बहुत मेहनत कर रही हूं. अपने जीवन और करियर को फिर से बनाने के लिए अभी मुझे जितनी मेहनत करना चाहिए, मैं उससे भी ज़्यादा मेहनत कर रही हूं.”

किरत कहती हैं, “मैं अपने साथ पीड़ित वाली मानसिकता को लेकर नहीं चलती हूं. मैं वह व्यक्ति नहीं बनना चाहती हूं.”

वह कहती हैं, “मैं अपने सपनों और लक्ष्यों को पाने के लिए काम कर रही हूं.”

स्वीट बॉबीः माय कैटफ़िश नाइटमेयर, एक डॉक्यूमेंट्री है, जो नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

ये भी पढ़ें
image
Loving Newspoint? Download the app now