जयपुर की जीवनरेखा बीसलपुर बांध पानी से लबालब होने को तैयार है। बांध अब अपनी पूरी क्षमता से चंद कदम दूर है, लेकिन आज बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू करने का कार्यक्रम फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इसकी वजह जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत का बीसलपुर दौरा रद्द होना बताया जा रहा है। हालांकि, अब जल संसाधन विभाग ने कहा है कि 23 जुलाई को बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की जाएगी।
तैयारियां धरी की धरी रह गईं
गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग ने आज सुबह 10 बजे बीसलपुर बांध के गेट खोलने की आम सूचना जारी की थी। जिसके बाद जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुट गया। संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत औपचारिक पूजा-अर्चना कर बांध के गेट खोलने वाले थे, लेकिन जल संसाधन मंत्री का दौरा स्थगित होने पर गेट खोलने की तैयारियां भी धरी रह गईं। हालांकि, अब विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 23 जुलाई को सुबह बांध के गेट औपचारिक रूप से खोल दिए जाएँगे।
ग्रामीण करते रहे इंतज़ार, नहीं बजा सायरन
जल संसाधन विभाग के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, बीसलपुर बांध के गेट आज सुबह 10 बजे खुलने वाले थे। स्थानीय ग्रामीण भी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में पहुँचकर इस पल के साक्षी बनने के लिए उत्सुक थे, लेकिन बाद में विभाग द्वारा यह घोषणा किए जाने पर कि आज गेट नहीं खोले जाएँगे, ग्रामीण निराश हो गए। ग्रामीण बांध पर सायरन की आवाज़ सुनने के लिए उत्सुक थे और अधिकारियों से बार-बार सायरन बजाने के लिए कहते रहे।
बांध अभी भी पूरी क्षमता से 18 सेमी दूर है
बीसलपुर बांध के निर्माण के बाद से अब तक यह सात बार ओवरफ्लो हो चुका है और बांध के गेट पूरी क्षमता यानी 315.50 आरएल मीटर तक पानी भरने के बाद ही खोले गए हैं। लेकिन इस बार जल संसाधन विभाग ने जल्दबाजी दिखाई और 315.32 आरएल मीटर क्षमता पर ही गेट खोलने का फैसला किया, जो कि वर्तमान स्थिति है। विभाग के इस फैसले पर ग्रामीण भी चर्चा करते नजर आए। हालाँकि, बीसलपुर बाँध अभी भी अपनी पूरी क्षमता से 18 सेमी दूर है।
बीसलपुर बाँध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है।
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में इसके गेट खोले गए थे।
बाँध 2006 में दूसरी बार ओवरफ्लो हुआ था।
बाँध 2014 में तीसरी बार ओवरफ्लो हुआ था।
बाँध के गेट 2016 में भी खोले गए थे।
बाँध के 17 गेट 2019 में खोले गए थे।
बाँध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ था।
बाँध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ था।
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