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अब गंभीर बीमारियों का इलाज सीकर में ही संभव! मेडिकल कॉलेज में बना हाईटेक ICU सेंटर, लगेंगी करोड़ों रूपए की मशीने

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शेखावाटी क्षेत्र के मरीजों को राहत मिलने जा रही है। सीकर, चूरू, झुंझुनूं और नागौर क्षेत्र में मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी समस्याओं को देखते हुए सीकर मेडिकल कॉलेज में नई क्रिटिकल केयर यूनिट बनाई जा रही है। इससे न्यूरो, कार्डियोलॉजी और ट्रोमा के गंभीर मरीजों को राहत मिलेगी। जल्द ही क्रिटिकल केयर यूनिट का भवन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सौंप दिया जाएगा।

अच्छी बात है कि इस ब्लॉक में इंटेंसिव केयर यूनिट से बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए हाई डिपेंडेंसी यूनिट बनाई जाएगी। जहां गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए बेड आरक्षित रहेंगे, जहां मरीज की जान बचाने के लिए चरणबद्ध तरीके से उपचार किया जाएगा, ताकि मरीज को तुरंत उपचार मिल सके। क्रिटिकल केयर ब्लॉक के लिए राजमेस की ओर से 11 करोड़ रुपए से अधिक की मशीनें और उपकरण लगाए जाएंगे। इस ब्लॉक में केवल उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाएगा, जिनकी मशीनों और उपकरणों का दवाइयों के साथ-साथ जान बचाने में विशेष योगदान है।

लोगों को इलाज करवाने में सुविधा होगी
डॉक्टरों के अनुसार असामान्य मौतों का सबसे बड़ा कारण कोरोनरी धमनी रोग, सीओपीडी, स्ट्रोक, डायरिया रोग, नवजात विकार हैं। वहीं, जिले से गुजरने वाले दो हाईवे पर दुर्घटनाओं के मरीज भी उस समय जयपुर या अन्य महानगरों के हायर सेंटर तक नहीं पहुंच पाते, जब यह जान बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। जबकि इस समय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है। जिला स्तर पर सरकारी अस्पताल में यह सुविधा नहीं होने से गंभीर व ट्रॉमा मरीजों को इलाज के लिए महानगर ले जाना पड़ता है। जिसमें हजारों रुपए खर्च होते हैं। जबकि सीकर मेडिकल कॉलेज में कार्डियो व न्यूरोलॉजी के डॉक्टर हैं। ऐसे में सीकर में ही सरकारी स्तर पर क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनने से सीकर व आसपास के जिलों के मरीजों के हजारों रुपए बचेंगे।

यह सुविधा मिलेगी
सीकर मेडिकल कॉलेज में नए क्रिटिकल केयर ब्लॉक में 10 बेड का आईसीयू, 6 बेड हाई डिपेंडेंसी यूनिट, 24 आइसोलेशन बेड, 2 आइसोलेशन रूम, 2 डायलिसिस, 2 एमसीएच, 5 इमरजेंसी बेड होंगे, जिनमें 2 रेड, 2 येलो और 1 बैंड ट्राइएज होगा। दो ऑपरेशन थियेटर, दो एलडीआर और एक पॉइंट ऑफ केयर लैब होगी। इससे गंभीर मरीजों को जयपुर ले जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी, उन्हें सीकर में ही इलाज मिल जाएगा।

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