झालावाड़ हादसे के बाद, राज्य के जर्जर स्कूलों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य भर के स्कूलों में जर्जर स्कूल भवनों और जर्जर कक्षाओं को गिराने के निर्देश दिए हैं। सरकार के निर्देश के बाद, उदयपुर में जिला प्रशासन ने भी जर्जर भवनों या स्कूलों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जिले में कुल 108 स्कूलों का चयन किया गया है, जो बेहद जर्जर हालत में हैं। इनसे काफी खतरा है। जिला प्रशासन ने बुधवार (30 जुलाई) से इन जर्जर स्कूल भवनों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कहीं 2 कमरे तो कहीं 5 कमरे जर्जर
जानकारी के अनुसार, कुछ स्कूलों में 2 कमरे तो कहीं 5 कमरे ऐसे मिले हैं, जो पूरी तरह से जर्जर हालत में हैं, जिन्हें बुलडोजर (जेसीबी मशीन) के जरिए गिराया जाएगा। सरकार के निर्देश के बाद, उदयपुर से लगभग 55 किलोमीटर दूर कड़ामल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दो जर्जर कमरों को जेसीबी से गिराने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा, वाटी स्कूल में 5 कमरे चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें गिराने की प्रक्रिया भी जारी है।
जिला कलेक्टर ने दिए ध्वस्तीकरण के आदेश
इसी तरह, झाड़ोल, कोटड़ा, ऋषभदेव और अन्य ब्लॉकों के कई स्कूलों के जर्जर भवनों के कमरों को आज जेसीबी से गिरा दिया गया है। सभी स्कूल उदयपुर जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हैं। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने एक दिन पहले ही जिला अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसमें जर्जर स्कूल भवनों को गिराने के आदेश दिए गए थे। इसी आदेश के तहत स्कूलों को तोड़ा जा रहा है।
इस बीच, शिक्षा विभाग के एडीपीसी ननिहाल सिंह ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर सूचीबद्ध 108 स्कूलों के पक्के कमरों को तोड़ा जा रहा है। इस प्रक्रिया में 2 से 3 दिन लगेंगे। साथ ही, जर्जर भवनों की संख्या और बढ़ सकती है। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों में सर्वेक्षण कर रहे हैं।
जर्जर स्कूलों पर मदन दिलावर के सख्त निर्देश
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूल प्रधानाचार्यों को बारिश के दौरान विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। शिक्षा मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि जिन स्कूलों में नए भवन बन चुके हैं, वहाँ कक्षाएं शुरू की जाएँ, उद्घाटन का इंतज़ार न करें। इसके अलावा, मदन दिलावर ने कहा कि जो स्कूल भवन जर्जर हैं, उनमें कक्षाएं न लगाई जाएँ। वहाँ वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
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