चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, जिले में संचालित 1864 सरकारी स्कूलों में बच्चों को मोटा अनाज मिलना तो दूर, पिछले चार माह से दूध भी नहीं मिल रहा है।कक्षा 1 से 8वीं तक के 1 लाख 37 हजार 436 बच्चे मोटे अनाज या दूध का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन दोनों में कोई सा भी पोषण बच्चों को नहीं दिया जा रहा। हालांकि मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना पिछली सरकार के समय वर्ष 2022 में शुरू की गई थी। इसमें कक्षा एक से 8 वीं तक के बच्चों को पाउडर का दूध पिलाया जाता था। प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद बाल गोपाल दूध योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना कर दिया गया। लेकिन, स्टॉक खत्म होने के बाद स्कूलों को दोबारा दूध पाउडर नहीं मिला है। पिछले चार माह से बच्चे पौष्टिक दूध से दूर हैं।
शारीरिक विकास हो रहा बाधित: दूध और मोटे अनाज से बच्चों के शरीर में कैल्शियम सहित कई विटामिन और मिनरल की पूर्ति होती है। लेकिन दोनों ही पौष्टिक आहार उपलब्ध नहीं होने से बच्चों का शारीरिक विकास बाधित हो रहा है। खासतौर पर सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले गरीब परिवारों के बच्चे सरकार की अनदेखी से प्रभावित हो रहे हैं।
मोटा अनाज सिर्फ सपना
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को मोटा अनाज देने की सरकार ने घोषणा की थी पर कई माह बीत जाने के बाद भी स्कूलों में न तो दूध का पाउडर और न ही मोटा अनाज पहुंचा पाया है। इससे पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई है। इसका खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। विभाग की ओर से दूध और मोटे अनाज को लेकर अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
फैक्ट फाइल
● जिले के 1864 सरकारी स्कूलों में होना है दूध और मोटे अनाज का वितरण
● इन स्कूलों में अध्ययनरत 1 लाख 37 हजार 436 बच्चों को मोटे अनाज व दूध का है इंतजार
● 150 मिली लीटर पांचवीं तक के बच्चों को मिलता है दूध
● 200 मिली लीटर कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को दिया जाता है दूध
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