पाली के सुमेरपुर में देवस्थान विभाग की जमीन को खुद की बताकर 26 लाख रुपए में बेचने के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। मामले में अन्य चार आरोपी फरार हैं। मामला ग्राम भारुंदा में देवस्थान विभाग की जमीन के खसरा नंबर 763 व 764 का है। राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटि के कारण यह जमीन जयंतीलाल व जेतमल के नाम दर्ज हो गई थी। ग्रामीणों की शिकायत पर जांच कराई गई तो जमीन देवस्थान की पाई गई। इसे देवस्थान के नाम दर्ज करने के लिए तहसीलदार को आदेश दिए गए हैं।
तहसीलदार व हल्का पटवारी ने बरती लापरवाही
तत्कालीन तहसीलदार व हल्का पटवारी की लापरवाही के कारण रिकॉर्ड से नाम नहीं हटाया गया। इसी लापरवाही का फायदा उठाकर लवेश जैन व चार अन्य आरोपियों ने षडयंत्र रचा। जमीन को अपनी पैतृक संपत्ति बताकर राजस्व विभाग में उत्तराधिकार का म्यूटेशन करवा लिया।सौदा होने के बाद सच्चाई सामने आई। आरोपियों ने जमीन रमेश कुमार और उसकी पत्नी सीता देवी को 26 लाख रुपए में बेच दी। इसके बाद लवेश जैन ने फेंसिंग और धोरापाली के नाम पर रमेश कुमार से 2 लाख रुपए और ले लिए। जब रमेश को सच्चाई पता चली तो उसने आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वे उसे टालते रहे।
राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। रमेश कुमार ने सुमेरपुर थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद लवेश जैन को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 13 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि फरार चार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जांच में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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