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ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्ष्ण के लिए राजस्थान सरकार का बड़ा कदम, शेखावाटी की 662 हवेलियों का होगा विस्तृत सर्वे

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राजस्थान सरकार ने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के साथ ही सरकार प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित करने और लोगों को इनके बारे में बताने के लिए अहम कदम उठाएगी। इसके तहत कानूनी उपायों की संभावना जताते हुए एक अधिनियम भी जारी किया जाएगा।

शेखावाटी की दुर्लभ विरासत वाली हवेलियों के लिए बड़ा फैसला

ऐतिहासिक हवेलियों को संरक्षित करने के लिए राजस्थान सरकार इन इमारतों का सर्वे कराएगी। आपको बता दें कि शेखावाटी क्षेत्र में मौजूद दुर्लभ विरासत वाली हवेलियों के विकास और संरक्षण के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। सीएम भजनलाल सरकार इन हवेलियों के जीर्णोद्धार को पहली प्राथमिकता दे रही है।

विरासत वाली हवेलियों का होगा सर्वे

जानकारी के लिए बता दें कि ये हवेलियां राजस्थान के सीकर, झुंझुनू और चूरू जिलों में स्थित हैं। यहां कुल 662 विरासत वाली हवेलियों का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है। हवेलियों और ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण और विकास के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। हवेलियों में छिपी है राजस्थान की कला

इन हवेलियों की खास बात यह है कि यहां आपको राज्य की गौरवशाली परंपरा और स्थापत्य कला की छवि देखने को मिलती है। इन हवेलियों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से राजस्थान घूमने आते हैं। इन धरोहरों को संरक्षित करने के लिए कई बार कई बड़े फैसले लिए जा चुके हैं।

सीएम ने जिलों के डीएम को दिए निर्देश

सीएम भजनलाल शर्मा हवेलियों के विकास और संरक्षण को लेकर काफी सक्रिय हैं। इसके लिए उन्होंने झुंझुनू, चूरू और सीकर जिलों के डीएम को निर्देश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिले में मौजूद सभी ऐतिहासिक इमारतों की सूची तैयार करनी होगी। साथ ही इनके संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाने का आदेश जारी किया गया है। इस काम के लिए सीएसआर यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सकती है।

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