सरकार बच्चों की पढ़ाई के लिए कई तरह की योजनाएं लाती है। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा नहीं मिल पाई। दरअसल, राजस्थान सरकार द्वारा संचालित 3,737 स्वामी विवेकानंद मॉडल और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 24 अप्रैल से कक्षा 6वीं, 7वीं, 9वीं और 11वीं की राज्य स्तरीय वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। लेकिन इस बार सबसे बड़ी चिंता यह है कि इन स्कूलों में कई जगहों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है, जिसके कारण पाठ्यक्रम अधूरा रह गया और विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई।
अधूरे पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित
परीक्षा कार्यक्रम पहले घोषित होने के बावजूद अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी सबसे बड़ी वजह रही। वहीं, कई शिक्षक केंद्रीय मूल्यांकन, प्रोबेशन और अन्य प्रशासनिक कार्यों में लगे होने के कारण नियमित कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं। इसके कारण विद्यार्थी पूरा पाठ्यक्रम पढ़े बिना ही परीक्षा हॉल में बैठ जाएंगे। यह विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, सरकार को जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए और राजस्थान के भविष्य की रक्षा करनी चाहिए।
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