टोंक न्यूज़ डेस्क डीएपी की किल्लत के समाधान समेत अन्य बिंदुओं को लेकर शुक्रवार को कृषि अधिकारियों ने सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय पीपलू में किसानों के साथ चर्चा की। इस मौके पर कृषि अधिकारियों ने किसानों को समझाया कि सरसों आदि की बुवाई के लिए डीएपी ही डालने धारणा को बदले। इसकी जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट बेहतर ऑप्शन है। इससे पैदावार भी बढ़ेगी। बैठक के बाद सरसों की फसल का भी कृषि अधिकारियों ने निरीक्षण किया।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट अधिक उपयोगी है। ऐसे में सरसों, गेहूं, चना आदि फसलों में डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट खाद का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट एक फॉस्फोरस युक्त खाद है, जिसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए डीएपी खाद की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है। सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक का उत्पादन राज्य में होने के कारण आसानी से उपलब्ध है। एक बैग डीएपी की कीमत में तीन बैग एसएसपी खरीदे जा सकते हैं। तीन बैग एसएसपी से मिलने वाले पोषक तत्वों का मूल्य लगभग 1900 रुपये होता है, जो एक बैग डीएपी में मिलने वाले पोषक तत्वों के मूल्य 1350 रुपये से अधिक है। सिंगल सुपर फॉस्फेट के साथ यूरिया का उपयोग कर फसल बुवाई के समय आवश्यक नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर पोषक तत्वों की पूर्ति कम लागत में ही आसानी से की जा सकती है।
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