राजस्थान के भिवाड़ी में पति हंसराम की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। जब उसकी पत्नी लक्ष्मी और उसके प्रेमी जितेंद्र ने हंसराम की बेरहमी से हत्या की, तो हंसराम के मासूम बच्चे घटनास्थल पर मौजूद थे। हंसराम के 10 साल के मासूम बेटे ने अपने पिता को उसकी माँ और उसके प्रेमी द्वारा मारते हुए देखा। जब पुलिस ने बेटे से उसके पिता की मौत के बारे में पूछा, तो मासूम ने उस रात का खौफनाक मंजर विस्तार से बताया, जिसे सुनकर पुलिसवाले भी दंग रह गए।
मासूम बेटे ने बताया कि 15 अगस्त की रात घर में बहुत झगड़ा हुआ था। पापा (हंसराम) छत पर बैठे थे और मम्मी से झगड़ रहे थे। तभी नीचे से चाचा (जितेंद्र) आ गए। पापा ने कहा, जाओ शराब लेकर आओ। इस पर चाचा शराब ले आए। फिर उन्होंने शराब पी ली। इसके बाद पापा मम्मी से झगड़ने लगे।
चाचा ने पापा से पूछा, मुझे क्यों मार रहे हो? तभी पापा ने चाचा को मारने के लिए लोहे का औजार उठा लिया। तभी मम्मी ने पापा को पीछे से पकड़ लिया। झगड़ा बढ़ गया। चाचा ने पिताजी को नीचे धकेल दिया और तकिये से उनका दम घोंट दिया।
माँ ने पिताजी के पैर पकड़ लिए। मासूम बेटे ने बताया कि अगले दिन, 16 अगस्त को, सुबह करीब साढ़े नौ बजे, चाचा पिताजी को ड्रम में डाल रहे थे। मुझे देखकर चाचा बोले - तुम्हारे पिताजी रात में बहुत झगड़ा करते थे। मुझे मजबूरन तुम्हारे पिताजी को पीटना पड़ा।
जितेंद्र के पिता को शक हुआ
घटना के बाद, जितेंद्र के पिता राजेश ऊपर आए। उन्होंने पूछा कि हंसराम कहाँ है? इस पर जितेंद्र ने कहा कि वह दिल्ली गया है। राजेश को अपने बेटे पर शक हुआ। उन्होंने कहा कि तुम झूठ बोल रहे हो। मुझे तुम पर विश्वास नहीं है।
उन्होंने पुलिस में शिकायत करने की धमकी भी दी। इसके बाद जितेंद्र लक्ष्मी और उसके तीनों बच्चों को लेकर बाइक पर फरार हो गया। 17 अगस्त को जितेंद्र की माँ मिथिलेश ने ड्रम से दुर्गंध आने पर पुलिस को सूचना दी। फिलहाल, तीनों बच्चों को हंसराम के परिवार को सौंप दिया गया है।
हंसराम के पिता बोले- बहू को सख्त से सख्त सजा मिले
मंगलवार सुबह हंसराम के पिता पोस्टमॉर्टम करवाने अस्पताल पहुँचे। रोते हुए उन्होंने कहा- बहू ने गुनाह किया है। उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनके बेटे की हत्या हुई, उससे हम सब स्तब्ध हैं। किसके घर में झगड़े नहीं होते? बहू के चरित्र पर पहले से ही शक था।
भाई बोला- भाभी रील बनाने का काम करती थी, घर में झगड़े होते थे
हंसराम के छोटे भाई गौतम कश्यप ने बताया कि करीब 4-5 महीने पहले उनके भाई और भाभी बच्चों के साथ शाहजहाँपुर से किशनगढ़बास ईंट भट्टे पर काम करने आए थे। उन्होंने बताया, भाभी का स्वभाव ठीक नहीं था। वह रील बनाने का काम भी करती थी, जिससे पति-पत्नी के बीच झगड़े होते थे।
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