भीलवाड़ा जिले की पंडेर पंचायत के सरपंच के पति मुकेश जाट गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे मोबाइल टावर पर चढ़ गए। वे अपनी सरपंच पत्नी के कार्यभार ग्रहण नहीं करने से नाराज थे। करीब साढ़े 9 घंटे तक वे टावर पर ही रहे। उपखंड अधिकारी राजकेश मीणा की समझाइश के बाद सरपंच पति टावर से नीचे उतरे। इसके बाद लोगों ने जयकारे लगाने शुरू कर दिए। सरपंच पति ने मांग की है कि सरपंच पत्नी को कार्यभार ग्रहण करवाया जाए और पंचायत भवन पर ताला लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरपंच पति के मोबाइल टावर पर चढ़ने की सूचना मिलने पर एएसपी राजेश आर्य और एसडीएम राजकेश मीणा मौके पर पहुंचे। इससे पहले जब विकास अधिकारी सीताराम मीणा पंचायत भवन का ताला खुलवाने मौके पर पहुंचे तो वहां मौजूद समर्थकों ने प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाए। समर्थकों का कहना था कि ताला खोलने से क्या होगा। उन्होंने पूछा कि पंचायत भवन पर 3 दिन तक ताला लगाने का अधिकार किसने दिया।
पूरा मामला 3 बिंदुओं में समझें
राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश (7 जुलाई) के बाद, ग्राम पंचायत पंडेर की सरपंच एवं पूर्व प्रशासक ममता मुकेश जाट मंगलवार (8 जुलाई) को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकालकर कार्यभार ग्रहण करने पंचायत भवन पहुँचीं।पंचायत भवन का मुख्य द्वार बंद होने के कारण उन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल सका। जिससे वहाँ समर्थकों की भीड़ जमा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। सरपंच समर्थकों के साथ पंचायत भवन के बाहर धरने पर बैठ गईं। सरपंच ममता ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते वर्तमान प्रशासक एवं ग्राम विकास अधिकारी कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही पंचायत भवन के गेट पर ताला लगाकर चले गए हैं।सरपंच ने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने से पहले उच्च न्यायालय के आदेश की जानकारी जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दी गई। साथ ही विकास अधिकारी को भी दी गई।
सरपंच के पति मुकेश जाट ने एक वीडियो जारी कर बताया कि पंडेर प्रशासक ममता जाट को 7 मई 2025 को निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर पहुँचे। उच्च न्यायालय ने निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। निलंबन आदेश की प्रति विकास अधिकारी, जिला कलेक्टर और सीओ को दी गई, जिसके बाद मंगलवार को वे कार्यभार संभालने पहुँचे। उनके वहाँ पहुँचते ही कुछ लोगों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए पंचायत भवन के गेट पर ताला जड़ दिया और वहाँ से चले गए।
तीन दिन से चल रहा है धरना
मुकेश जाट ने बताया कि ताला जड़ने की घटना के बाद तीन दिन से पंचायत भवन के बाहर शांतिपूर्ण धरना चल रहा है, लेकिन कोई अधिकारी वहाँ नहीं पहुँचा। धरने में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कानावत, कांग्रेस नेता अनिल उपाध्याय, सावन टांक, बाबूलाल खटीक समेत कई कार्यकर्ता मौजूद हैं। सरपंच पति ने माँग की है कि गेट पर ताला जड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और सरपंच ममता जाट को कार्यभार ग्रहण कराया जाए। उसके बाद ही वे टावर से नीचे उतरेंगे।
सरपंच पर लगे आरोप
दरअसल, ममता मुकेश जाट पर पहले भी पद का दुरुपयोग, अनियमितताएँ और नियमों की अवहेलना के आरोप लगे थे। जाँच में यह साबित हुआ था कि उन्होंने सामुदायिक भवन और चारदीवारी के उद्घाटन में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया था। शिलापट्ट पर नाम भी अंकित नहीं था। रोड लाइट के काम में कम सामग्री का उपयोग कर अधिक भुगतान लिया गया और पट्टे के दस्तावेजों में अनियमितताएं बरती गईं। आरोपों के आधार पर सरकार ने उन्हें 7 मई 2025 को प्रशासक पद से हटा दिया। इससे पहले 24 जनवरी 2025 को जिला कलेक्टर ने उन्हें प्रशासक नियुक्त किया था।राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ग्राम पंचायत पंडेर की सरपंच एवं पूर्व प्रशासक ममता मुकेश जाट मंगलवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस के रूप में पंचायत भवन पहुंचीं, लेकिन मुख्य द्वार पर ताला लगा होने के कारण उन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल सका।
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