उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के अंतर्गत मेड़ता रोड से बीकानेर तक रेलवे लाइन के दोहरीकरण की योजना को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है। 172.72 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन का विस्तृत सर्वेक्षण कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और अब परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) वित्तीय स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। रेलवे मंडल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि इस दोहरीकरण परियोजना की अनुमानित लागत ₹1637.76 करोड़ आंकी गई है। रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलते ही इस बहुप्रतीक्षित योजना का कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और इसे चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह खंड यातायात की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में इस एकल लाइन पर ट्रेनों का भारी दबाव रहता है। दोहरीकरण से न केवल ट्रेनों की संख्या और गति बढ़ेगी, बल्कि स्टेशनों पर क्रॉसिंग की समस्या भी समाप्त होगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा और ट्रेनों की समयपालनता में सुधार होगा।रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि दोहरीकरण के साथ-साथ पूरे रूट का विद्युतीकरण कार्य भी साथ-साथ किया जाएगा, ताकि दोनों लाइनों पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चल सकें।
इस कार्य के लिए बजट भी पहले ही निर्धारित कर दिया गया है। रेलवे के निर्माण विभाग द्वारा किए गए विस्तृत सर्वेक्षण में भूमि की पहचान कर ली गई है। दोहरीकरण के साथ-साथ सभी मध्यवर्ती रेलवे स्टेशनों का भी उन्नयन किया जाएगा। प्लेटफॉर्म की ऊँचाई मध्यम से उच्च स्तर की की जाएगी। सब-वे, फुटओवर ब्रिज और शेल्टर का निर्माण किया जाएगा। स्टेशन सुविधाओं में सुधार किया जाएगा, जिससे यात्रियों को और अधिक सुविधा होगी। यह योजना न केवल राजस्थान के इस हिस्से को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति प्रदान करेगी।
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