विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बाबा श्याम के लाखों भक्त प्रतिदिन दूर-दूर से दर्शन के लिए यहाँ पहुँचते हैं। लेकिन इस बार उन्हें दर्शन से पहले मंदिर प्रशासन द्वारा जारी एक महत्वपूर्ण सूचना पर ध्यान देना होगा। श्री श्याम मंदिर समिति ने जानकारी दी है कि 26 अगस्त को बाबा श्याम का विशेष तिलक-श्रृंगार होगा। परंपरा के अनुसार, अमावस्या के बाद बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार हटा दिया जाता है और फिर वे कुछ दिनों तक अपने मूल स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। इसके बाद पुनः विशेष तिलक-श्रृंगार किया जाता है, जिसमें 8 से 12 घंटे लगते हैं। इसी कारण 25 अगस्त को रात 10 बजे शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएँगे। अगले दिन 26 अगस्त को शाम 5 बजे संध्या आरती के साथ मंदिर पुनः भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
भक्तों से विशेष अपील
मंदिर समिति के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि तिलक-श्रृंगार के दौरान बाबा श्याम की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस पवित्र अनुष्ठान में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए श्रद्धालुओं का प्रवेश अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित समय से पहले मंदिर न पहुँचें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
क्या आप बाबा श्याम के बारे में जानते हैं?
हारे का सहारा कहे जाने वाले बाबा श्याम महाभारत काल के महान योद्धा बर्बरीक हैं। वे भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। बर्बरीक के पास तीन अद्भुत बाण थे, जिनसे वे अकेले ही युद्ध का रुख मोड़ सकते थे। जब वे कौरवों की ओर से युद्ध में उतरने वाले थे, तब भगवान कृष्ण ब्राह्मण के वेश में आए और उनसे शीश दान में माँगा।
बर्बरीक ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना शीश दान में दे दिया। उनकी उदारता से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि कलियुग में वे श्याम नाम से पूजे जाएँगे और जीवन की कठिनाइयों में प्रत्येक भक्त का सहारा बनेंगे। इसी वरदान के कारण आज हर साल लाखों भक्त खाटूश्यामजी मंदिर में आते हैं और बाबा श्याम के दरबार में अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं।
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