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राजस्थान में योग सेंटर्स की आड़ में तोयार किये जा रहे थे खूंखार आतंकी, जांच के बाद हुआ 2047 के बड़े टारगेट का खुलासा

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जांच एजेंसी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं और पीएफआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एनआईए सूत्रों ने बताया कि केरल की तरह राजस्थान में भी आतंकियों की फौज तैयार करने की साजिश रची जा रही थी। योग केंद्रों की आड़ में युवक-युवतियों का ब्रेनवॉश किया जा रहा था। चार्जशीट में पीएफआई के इस मॉड्यूल को लेकर सनसनीखेज दावे किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि गुजरात दंगों और मॉब लिंचिंग के वीडियो दिखाकर युवाओं को गुमराह करने का काम किया जा रहा था। उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा था। इनका लक्ष्य साल 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना था। आपको बता दें कि पीएफआई के इस मॉड्यूल की जांच के दौरान इसका पता चलने का दावा किया गया है। एनआईए ने राजस्थान की एक अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।

जानकारी के मुताबिक जयपुर में पीएफआई मॉड्यूल पर बड़ा खुलासा हुआ है। जकात के नाम पर जुटाए गए पैसों से पीएफआई के आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाए जाते थे। जयपुर के पीएफआई मॉड्यूल में गिरफ्तार 5 आरोपियों में से एक मोहम्मद आसिफ के मोबाइल से एक फाइल बरामद हुई है। इस फाइल में लिखा था, 'युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम, योगा, मार्शल आर्ट, गेम्स, म्यूजिक प्रोग्राम और अखाड़े के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इसके अलावा कई एनजीओ और संस्थाओं की ओर से कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।' पीएफआई के सदस्यों को अपने-अपने शहरों में कैंप चलाने के निर्देश दिए गए थे। इन ट्रेनिंग कैंपों की आड़ में योगशाला और अखाड़े की आड़ में युवाओं को हथियार चलाने और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही थी।

एयरगन के साथ युवक-युवती
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में आसिफ के फोन से कई और फोटो और वीडियो बरामद होने की जानकारी दी है। इसमें पुरुष और महिलाओं को एयरगन पकड़े देखा जा सकता है। इसके अलावा एक और फोटो बरामद हुई है, जिसमें पुरुष और महिलाओं को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। बैकग्राउंड में पीएफआई का झंडा और आजादी महोत्सव का पोस्टर देखा जा सकता है। पीएफआई की पाठशाला में युवाओं को भड़काऊ वीडियो दिखाकर वर्ष 2047 में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने पर जोर दिया जाता है और इसके लिए चाहे जान की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन पीछे नहीं हटने के लिए तैयार किया जाता है। ब्रेनवॉश करने के बाद कैडर को दो हिस्सों में शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है। पहला बेसिक प्रशिक्षण होता है, जिसमें सदस्यों को मार्शल आर्ट, बॉक्सिंग, एयरगन से शूटिंग आदि सिखाई जाती है। प्रशिक्षण के पहले हिस्से का उद्देश्य शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्तियों की पहचान करना था, जो उन्नत स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरने में सक्षम हों। इसे उन्नत कुल्हड़ नाम दिया गया।

भारत में 2047 तक इस्लामी शासन
प्रशिक्षण के दूसरे हिस्से यानी कुल्हड़-2 में तलवार, चाकू या अन्य हथियार चलाने और व्यक्ति के सिर, छाती, कंधे और अन्य कमजोर हिस्सों पर हमला करने की तकनीक सिखाई जाती है। इस प्रकार का प्रशिक्षण देने का उद्देश्य पीएफआई कैडरों को भारत सरकार, हिंदू संगठनों और अन्य धार्मिक संगठनों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशिक्षित करना है, ताकि वर्ष 2047 तक भारत में मुस्लिम शासन स्थापित किया जा सके। जांच के दौरान पीएफआई सदस्यों की तलाश में जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, बूंदी समेत कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान चाकू, एयरगन, कुल्हाड़ी, आपत्तिजनक डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए गए। इन्हें जांच के लिए सीएफएसएल (नई दिल्ली) भेजा गया। चार्जशीट के मुताबिक, जयपुर के पंजाब नेशनल बैंक में पीएफआई द्वारा खोले गए बैंक खाते की भी तलाशी ली गई। इसमें पाया गया कि वर्ष 2011 से 2022 के दौरान 2,98,47,916.99 रुपये जमा किए गए, जिनमें से 2,96,12,429.50 रुपये निकाल लिए गए। चार्जशीट में खुलासा हुआ कि ये करोड़ों रुपये देश के भोले-भाले मुसलमानों से जकात के नाम पर वसूले गए

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