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कांग्रेस को बड़ा झटका: गहलोत के विश्वासपात्र विधायक ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, इस पार्टी में मिली बड़ी जिम्मेदारी

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राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने कांग्रेस के पूर्व विधायक जोगिंदर सिंह अवाना को राजस्थान पार्टी का नया अध्यक्ष (राजस्थान रालोद प्रमुख) नियुक्त किया है। अवाना पिछले महीने कांग्रेस छोड़कर रालोद में शामिल हुए थे। जिम्मेदारी संभालने के बाद अवाना ने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीति बनाएंगे और प्रदेश का दौरा करेंगे।

जयंत चौधरी जून में जयपुर आएंगे
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले अवाना ने अपनी नई भूमिका के लिए रालोद नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हाल ही में उनकी रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात हुई है, जो जून में जयपुर आने वाले हैं। अपनी कार्ययोजना बताते हुए रालोद के नए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव के आधार पर टीम वर्क को प्राथमिकता दी है। वे राजस्थान के सभी जिलों का दौरा कर चुके हैं और पार्टी की टीम हर जगह मजबूती से काम कर रही है।

दिल्ली में रालोद में शामिल हुए
अवाना ने कहा कि उनका लक्ष्य संभाग स्तर से लेकर विधानसभा और बूथ स्तर तक पार्टी संगठन को मजबूत करना है। अवाना दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी की मौजूदगी में रालोद में शामिल हुए। उनके इस फैसले से एक नई राजनीतिक शुरुआत हुई है और इसे एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो पूर्वी राजस्थान में मतदाताओं की स्थिति बदल सकता है।

भरतपुर में मजबूत समर्थन

अवाना को भरतपुर और आसपास के इलाकों में जमीनी स्तर पर मजबूत समर्थन हासिल है। उन्हें पहली बार 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान प्रमुखता मिली थी। बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर नदबई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने भाजपा की कृष्णेंद्र कौर (दीपा) को हराया, जो राजघराने की सदस्य हैं। उन्हें 50,000 से अधिक वोट मिले। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए और हाल ही में रालोद में शामिल होने तक सक्रिय रहे।

'विधानसभा-पंचायत चुनाव लड़ेगी रालोद'
इस अवसर पर रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी और पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेता मौजूद थे। त्यागी ने कहा कि रालोद देश भर के किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए भाजपा नीत राज्य सरकारों से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि अब रालोद पार्टी रेगिस्तानी राज्य में भी सक्रिय होगी और पंचायत और विधानसभा चुनावों में भाग लेगी। त्यागी ने कहा कि राजस्थान में 2028 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में रालोद की मजबूत उपस्थिति देखने को मिलेगी।

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