चार प्रशिक्षक दे रहेहैं प्रशिक्षण
भामाशाहों ने चार यूजिक शिक्षक जेल प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं। जो 18 बंदियों को तीन माह से प्रशिक्षित कर रहे हैं। आर्केस्ट्रा बैंड के लिए संगीत में रुचि रखने वाले बंदियों का चयन किया गया हैं। इनके लिए गिटार, कांगो, पैरल रोड शो, ड्रम सेट, ओक्टापेड, केजोन, स्टूडियो मास्टर, ड्यूल विडेन माइक्रोफोन, स्टूडियो मास्टर एप्लीफायर, ओआरबी 122 मिक्सर, 700 वाट स्पीकर सहित जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया हैं। बंदियों को गिटार, तबला, ढोलक, पियानो, कैसियों, हारमोनियम, ट्रमपेड सहित अन्य यंत्र बजाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।बैंड के बंदियों को नई धुन सुनाने एवं गाने उपलब्ध कराने के लिए एक उप कारापाल व मुय प्रहरी को नियुक्त किया गया है।
बुकिंग की राशि तय, दो घंटे देंगे प्रस्तुति
बंदी आर्केस्ट्रा बैंड को बुक करने के लिए बुकिंग राशि और समय तय कर दिया गया है। सरकारी और निजी कार्यक्रमों के लिए बैंड की बुकिंग फीस 5600 रुपए रखी गई है। आर्केस्ट्रा बैंड को आने-जाने और कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए तीन घंटे का समय मिलेगा। इसमें दो घंटे कार्यक्रम में प्रस्तुति दे सकेंगे। बुकिंग से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत बंदियों के खाते में जमा होगा। शेष 50 प्रतिशत बंदी बैंड कोष में जमा होंगे।
कोटा, अजमेर के बाद बीकानेर में शुरुआत
केन्द्रीय कारागार अधीक्षक सुमन मालीवाल ने कोटा एवं अजमेर केन्द्रीय कारागार में बंदी आर्केस्ट्रा बैंड तैयार कराया था। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। अब उसी तर्ज पर मालीवाल बीकानेर कारागार में बंदी आर्केस्ट्रा बैंड तैयार करवा रही है।यह बैंड कारागार के बाहर राष्ट्रीय, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत कर अपनी कला का प्रदर्शन करेगा। पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर बीपीआरडी की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस में भी अधीक्षक मालीवाल ने व्यायान दिया था, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
सुकून के साथ आनंद की अनुभूति
आर्केस्ट्रा बैंड में शामिल बंदी ने बताया कि इस कार्य से जुड़ने पर सुकून के साथ आनंद की अनुभूति हो रही है। संगीन अपराध के कारण जेल में बिता रहे समय में नीरसता नहीं रहती। कुछ नया सीखने का मौका भी मिला है।
जल्द प्रस्तुति देगा बंदी आर्केस्ट्रा बैंड
बंदियों को संगीत के माध्यम से जीवन में परिवर्तन कर समाज में पुन:स्थापना के लिए प्रयास किया जा रहा है। राजस्थान जेल बैंड नियम 1965के तहत बंदी आर्केस्ट्रा बैंडतैयार किया जा रहा है। इसके लिए 18 बंदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिला कलक्टर और यूआईटी सचिव के प्रयासों से यह संभव हो रहा हैं। सुरक्षा की दृष्टि से बैंड के साथ पांच चालानी गार्ड रखे जाएंगे।
You may also like
Jaipur बाहरी इलाकों में ट्रैफिक जाम बढ़ा, पीक आवर्स में लंबा इंतजार
ग्रीन कॉफी: जानिए इसके फायदे और नुकसान, किन लोगों के लिएए नुकसानदायक
Pratapgarh सुबह से ही कतारों में लगे किसान, खाद की किल्लत
Dholpur रेलवे नाले के निर्माण की धीमी गति, पानी की निकासी नहीं
Chittorgarh जिले की सरकारी स्कूलों के 1.37 लाख से ज्यादा बच्चों को नहीं मिल रहा दूध