राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने सोमवार, 15 सितंबर को कवि एवं कथाकार कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा का राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। उन्होंने 1 सितंबर को अपना इस्तीफा दिया था, जिसे भजनलाल शर्मा सरकार ने स्वीकार कर लिया था।
इस्तीफे का कारण: आयोग की गरिमा और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा
डॉ. शर्मा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि एसआई भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद के कारण उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की निष्पक्षता प्रभावित हुई है, जबकि उनके खिलाफ कोई जांच या आरोप नहीं है। हालाँकि, उन्होंने नैतिक आधार पर पद छोड़ने का फैसला किया। इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए मंजू शर्मा ने कहा कि मैंने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी से काम किया है। सार्वजनिक जीवन में शुचिता को सर्वोपरि मानते हुए मैं स्वेच्छा से इस्तीफा दे रही हूँ। डॉ. मंजू शर्मा को 2020 में अशोक गहलोत सरकार ने आयोग का सदस्य बनाया था। उनके इस्तीफे से राजस्थान के प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
ईओ भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद एसीबी से क्लीन चिट
डॉ. मंजू शर्मा का नाम 2023 में ईओ भर्ती परीक्षा में रिश्वत लेने के आरोपों के बाद सुर्खियों में आया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता गोपाल केसावत ने उनके नाम पर रिश्वत मांगी थी। हालाँकि, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जुलाई 2024 में उन्हें और सदस्य संगीता आर्य को क्लीन चिट दे दी थी। उनके इस्तीफे के बाद आरपीएससी में 10 में से 5 पद खाली हो गए हैं, जबकि एक सदस्य को निलंबित कर दिया गया है। इस स्थिति से आयोग के कामकाज पर असर पड़ सकता है।
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