श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क, अनूपगढ़ जिले में खरीफ 2024 की धान (चावल) की फसल की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों और कचरे को जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
फसल अवशेष जलाने से वातावरण में भारी मात्रा में धुआं और अन्य हानिकारक तत्व फैलते हैं, जो न केवल पर्यावरण को क्षति पहुंचाते हैं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन जाते हैं। कलेक्टर अवधेश मीना ने फसलों के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
कलेक्टर ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की सेटेलाईट इमेजरी के माध्यम से जिले में हो रही इन घटनाओं का पता चला है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने इस प्रथा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।
कलक्टर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में फसल अवशेष जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू कर दिया है। उन्होंने बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से पूरे जिले में लागू हो गया है।
प्रशासन ने सभी किसानों से अपील की है कि वे अपने फसल अवशेषों का निस्तारण वैज्ञानिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से करें और किसी भी प्रकार से उन्हें जलाने से परहेज करे। कलक्टर ने बताया कि इन आदेशों की पालना करवाने के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक, उपखंड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, विकास अधिकारी और अन्य क्षेत्रीय अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में नजर बनाए रखेंगे। साथ ही, इन अधिकारियों को आदेश की जानकारी ग्रामीणों और किसानों तक पहुंचाने का दायित्व सौंपा गया है, ताकि उन्हें इस मुद्दे के गंभीर प्रभाव के प्रति जागरूक किया जा सके।
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