समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा ने सख्त रुख अपनाया है।
बुधवार को उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलेक्टर और सभी उपखंड अधिकारियों (एसडीएम) की बैठक लेकर खरीद प्रक्रिया की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि किसानों के हितों से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि किसी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार पाया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हाल के दिनों में जिलेभर से कई किसानों ने यह शिकायत की थी कि मूंगफली खरीद केंद्रों पर तौल में गड़बड़ी, भुगतान में देरी और बिचौलियों की दखल जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
कुछ स्थानों पर किसानों से समर्थन मूल्य से कम दर पर खरीद किए जाने की बात भी सामने आई थी।
इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संभागीय आयुक्त ने बुधवार को अचानक बैठक बुलाई और सभी संबंधित अधिकारियों को तलब किया।
बैठक में संभागीय आयुक्त ने कहा —
“सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए यह योजना चला रही है। यदि इसमें किसी ने भी हेराफेरी की तो उसके खिलाफ बख्शा नहीं जाएगा। किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा।”
उन्होंने जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि सभी खरीद केंद्रों की टीम बनाकर मौके पर जांच की जाए।
जहां भी अनियमितता मिले, वहां संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि मूंगफली खरीद प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनों का अनिवार्य उपयोग, डिजिटल रसीदें जारी करना और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना प्राथमिकता में होना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि जिन केंद्रों पर किसानों को परेशान किया गया, वहां के प्रभारी और खरीद एजेंसी दोनों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
संभागीय आयुक्त मीणा ने यह भी कहा कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी हो तो वे सीधे जिला नियंत्रण कक्ष या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिया कि किसानों की शिकायतों का 24 घंटे के भीतर निस्तारण किया जाए।
बैठक के बाद संभागीय आयुक्त ने कुछ खरीद केंद्रों पर स्वयं पहुंचकर औचक निरीक्षण भी किया।
उन्होंने खरीदी जा रही मूंगफली की गुणवत्ता, रसीदों की जांच और किसानों से प्रत्यक्ष बातचीत की।
किसानों ने बताया कि कई केंद्रों पर तौल मशीनें सही नहीं हैं और रसीदें समय पर नहीं मिलतीं।
इस पर आयुक्त ने मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाई और खरीद केंद्रों की तकनीकी जांच कराने के आदेश दिए।
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