मेवाड़ की सांस्कृतिक पहचान में पगड़ी का विशेष स्थान है। यहां आम लोगों को ही नहीं, बल्कि देवी-देवताओं को भी विशेष अवसरों पर पारंपरिक पगड़ी पहनाई जाती है। इसी कड़ी में हनुमान जयंती के अवसर पर इस बार उदयपुर के बदनौर हवेली स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में विशेष 1111 फीट लंबी लहरिया पगड़ी तैयार की गई है। यह पगड़ी भगवान हनुमान को पहनाई जाएगी, जो आस्था और परंपरा का अद्भुत प्रतीक है।
वर्ष 2010 से चल रही है परंपरा
मंदिर प्रवक्ता प्रवीण बैरागी ने लोकल 18 को बताया कि यह परंपरा वर्ष 2010 से चल रही है, जिसके तहत हर साल भगवान को अलग-अलग डिजाइन और स्टाइल की पगड़ी पहनाई जाती है। इस साल की पगड़ी की खास बात इसकी लंबाई और पारंपरिक लहरिया डिजाइन है, जो मेवाड़ी संस्कृति की झलक पेश करती है।
यहां से मंगवाया जाता है कपड़ा
इस अवसर पर मेवाड़ी शाही पगड़ी के दौलत सेन ने बताया कि इस विशेष पगड़ी को तैयार करने के लिए भीलवाड़ा की कॉटन मिल से विशेष रूप से कपड़ा मंगवाया गया था। दौलत सेन ने बताया कि यह महज पगड़ी नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति, मेहनत और भक्ति का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि पगड़ी तैयार करने में करीब एक सप्ताह का समय लगा और पूरा परिवार दिन-रात इसमें लगा रहा।
दौलत सेन ने यह भी बताया कि पगड़ी बनाते समय कई बार कपड़े में सिलवटें और अन्य तकनीकी दिक्कतें आ जाती हैं। लेकिन ईश्वर की सेवा की भावना से प्रेरित होकर हर बार पूरी निष्ठा के साथ यह काम किया जाता है। पगड़ी की लंबाई और इसके लहरिया पैटर्न को तैयार करने के लिए पारंपरिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिससे इसकी शोभा और बढ़ गई।
निकाली जाएगी शोभायात्रा
हनुमान जयंती के दिन इस भव्य पगड़ी के साथ विशेष शोभायात्रा भी निकाली जाएगी, जो बदनोर की हवेली से शुरू होकर मीठा राम जी के मंदिर तक जाएगी। इस यात्रा में ढोल, शंख ध्वनि और पारंपरिक मेवाड़ी वेशभूषा में सजे श्रद्धालु शामिल होंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को अभिव्यक्त करता है बल्कि मेवाड़ की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करता है। इस आयोजन के माध्यम से उदयपुर के लोगों ने एक बार फिर संदेश दिया है कि जब आस्था और परंपरा साथ-साथ चलती है तो संस्कृति को जीवित रखना संभव है।
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