अजमेर, 5 मई (आईएएनएस)। वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन इस पर फैसला नहीं आ पाया। अब 15 मई को इस पर सुनवाई होगी। इसी बीच, अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ विधेयक का विरोध करने वालों पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
वक्फ संशोधन विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई को लेकर अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन अगली तारीख दी गई है। जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि यह कानून मुसलमानों के हितों में है। इससे किसी की संपत्ति नहीं छीनी जाएगी, कुछ लोग गुमराह करने का काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "संशोधन के बाद मौजूदा वक्फ कानून वक्फ जायदादों के हित और उन्हें सुरक्षा देने के लिए है। वक्फ के अंदर जो भ्रष्टाचार था, उसे खत्म करने और संपत्ति के सही उपयोग के लिए है। सरकार की मंशा शुरुआत से ही साफ थी। वक्फ के प्रशासनिक ढांचे को सही करने और प्रभावी बनाने के लिए इसे लाया गया है।"
पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमला इंसानियत को शर्मसार करने और भारत के प्रत्येक नागरिकों के दिलों को चोट पहुंचाने वाला था। पूरा हिंदुस्तान आज भी गुस्से और सदमे में है। भारत सरकार लोगों की भावनाओं को अच्छे से समझ रही है। प्रधानमंत्री मोदी खुद इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं।"
उन्होंने कहा, "देश ने कई बड़े कूटनीतिक फैसले लेकर पाकिस्तान को जवाब देना शुरू कर दिया है। सैन्य कार्रवाई अंतिम है, जो भारत बाद में करेगा ही करेगा। लेकिन अब तक सरकार ने जो फैसले लिए हैं, उससे पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डी टूटेगी। भारत के साथ लड़ने के लिए उनके पास पैसा और हिम्मत ही नहीं होगी।"
--आईएएनएस
एससीएच/एकेजे
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