मुंबई, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। मशहूर एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया का नाम सुनते ही रामानंद सागर की 'रामायण' में माता सीता का किरदार याद आने लगता है। इस किरदार को उन्होंने इतनी शिद्दत से निभाया कि लोग उन्हें सच में मां सीता ही समझने लगे थे। वह जहां भी उन्हें देखते, पैर छूने लगते थे। आज एक्ट्रेस अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। फैंस उन्हें सोशल मीडिया के जरिए जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। चलिए, उनके इस खास दिन पर जानते हैं कि रामायण की शूटिंग से जुड़ा एक मजेदार किस्सा, जिसे करने पर उन्हें असल में 'अग्नि परीक्षा' जैसा महसूस हो रहा था।
दीपिका को स्कूल के दिनों से ही एक्टिंग का बड़ा शौक था। वह स्कूल में नाटकों में हिस्सा भी लेती थीं। बाल कलाकार के तौर पर उन्हें एक बंगाली एक्टर ने फिल्म में लेने का ऑफर भी दिया था, लेकिन उनके माता-पिता ने इसकी इजाजत नहीं दी। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वह ग्रेजुएशन के लिए मुंबई गईं, तो उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ एक्टिंग करने का भी फैसला लिया।
उन्होंने 1983 में रिलीज हुई 'सुन मेरी लैला' समेत कई फिल्मों में काम किया। यही नहीं, उन्होंने कई सीरियल्स में भी रोल किए। उन्होंने सागर आर्ट्स के तहत 'विक्रम और बेताल' जैसे सीरियल्स में भी काम किया, लेकिन लोकप्रियता उन्हें रामानंद सागर के 'रामायण' में निभाए गए सीता के किरदार से हासिल हुई।
सीता माता के किरदार के लिए दीपिका को कई स्क्रीन टेस्ट देने पड़े। कई राउंड्स के बाद उनका सेलेक्शन हुआ। शूटिंग के दौरान वह जब भी साड़ी पहनकर, सिंदूर लगाकर, और गहने पहनकर सेट पर आती थीं, तो न सिर्फ सेट के लोग, बल्कि आसपास के गांव वाले भी उन्हें असल में सीता माता समझकर प्रणाम करने लगते थे। एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार एक बुजुर्ग महिला शूटिंग देखने आई थीं। उन्होंने जब मुझे साड़ी और श्रृंगार में देखा, तो तुरंत मेरे पैर छू लिए और कहा, "माता, हमें आशीर्वाद दीजिए।"
उन्होंने और भी मजेदार बातें शेयर की। उन्होंने बताया कि शूटिंग के दौरान, जब मैं और अरुण गोविल, जिन्होंने भगवान राम का किरदार निभाया था, एक साथ बैठते, तो लोग आसपास चुप्पी साध लेते थे। डायरेक्टर भी मजाक में कहते थे, "सीता-राम जी बैठे हैं, अब शोर मत मचाओ!"
दीपिका चिखलिया को 'अग्नि परीक्षा' वाले सीन की शूटिंग के दौरान अग्नि परीक्षा जैसा ही महसूस हो रहा था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि यह सीन उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। इस सीन को शूट करते समय उनके पसीने छूट जाते थे, क्योंकि उन्हें आग के पास बैठना होता था। इस सीन की शूटिंग करना बिल्कुल भी आसान नहीं था। सीन में असली आग का इस्तेमाल किया गया था। सुरक्षा कारणों के चलते शूटिंग धीरे-धीरे हो रही थी।
निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो, दीपिका ने 1991 में बिजनेसमैन हेमंत टोपीवाला से शादी की। दोनों की पहली मुलाकात 'सुन मेरी लैला' फिल्म के सेट पर हुई थी। इस दौरान हेमंत एक ऐड शूट देखने आए थे। दीपिका दो बेटियों निधि और जूही की मां हैं।
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