Next Story
Newszop

श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल को बंधी गलन्तिका

Send Push
image

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार (वैशाख कृष्ण प्रतिपदा) को सनातन धर्म व परंपरानुसार प्रातः भस्मार्ती के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान को शीतल जलधारा से अभिषेक हेतु 11 मिट्टी के कलशों से गलन्तिका लगाई गई।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार 13 अप्रैल (वैशाख कृष्ण प्रतिपदा) से 11 जून 2025 (ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा) तक के लिए श्री महाकालेश्वर भगवान जी पर 11 मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा हेतु गलंतिका बांधी गई।

कलशों पर प्रतीकात्मक रूप में नदियों के नाम क्रमशः गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, क्षिप्रा, गण्डकी, अलखनंदा आदि नामो को अंकित है। भगवान श्री महाकालेश्वर पर सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जाएगी, जो प्रतिदिन प्रात: भस्मार्ती के पश्चात से सायंकाल पूजन तक रहेगी।

उल्लेखनीय है कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरा अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तक (दो माह) श्री महाकालेश्वर भगवान जी को शीतलता प्रदान करने के लिए प्रतिदिन लगने वाले अभिषेक पात्र (रजत कलश) के साथ मिट्टी के 11 कलशों से सतत जलधारा प्रवाहित करने हेतु गलंतिका बांधी जाती है। वैशाख व ज्येष्ठ माह में अत्यधिक ऊष्ण व ग्रीष्म ऋतु का होता है। भीषण गर्मी में भगवान श्री महाकालेश्वर जी को दो माह तक प्रतिदिन भस्मार्ती के पश्चात प्रातः 6 बजे से सायं 05 बजे संध्या पूजन तक गलंतिका बधेगी।

Loving Newspoint? Download the app now